नकदी संकट को लेकर सरकार ने झोंकी ताकत, देश भर में छापेमारी
नई दिल्ली। देश में नकदी की सम्सयां के कारण सरकार नोटबंदी के बाद एक बार फिर से बैकफुट पर आ चुकी है। कैश की कमी क्यों आई यह जानने के लिए वित्त मंत्रालय ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं। टैक्स अथॉरिटीज लगातार नकदी जमाखोरों पर छापा मार रही हैं। पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की गई। कैश कि दिक्कत कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में अधिक देखी जा रही हैं इसका कारण कुछ हद तक कर्नाटक चुनाव को माना जा रहा हैं। इन सब जगहों पर टैक्स डिपार्टमेंट का शिकंजा बड़े कॉन्ट्रैक्टर्स पर कसता दिख रहा हैं।
हालांकि आरबीआई ने कैश सप्लाई बढ़ा दी हैं और इसके साथ ही एटीएम में 500 और 200 के नोट भरने का काम तेजी से हो रहा हैं फिर भी स्थति सामान्य नहीं दिख रही हैं।
टैक्स अथॉरिटीज ने जिस पैमाने पर छापेमारी की उस पैमाने पर कैश भले ही बरामद न हो पाया हो लेकिन इस ऑपरेशन का और तेजी पकड़ना तय हैं। कैश की कमी के कई कारण सामने आ रहे हैं, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हुआ कि असल कारण क्या हैं, कुछ हद तक 2 हजार के नोटों में आई कमी ने बाजार और बैंको पर असर डाला हैं।
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कुछ टैक्स अधिकारियों का कहना हैं कि बड़े कॉन्ट्रैक्टर्स छोटे कॉन्ट्रैक्टर्स के नाम चेक जारी कर प्रोजेक्ट पर हो रहे खर्चे को दिखाकर पैसे निकाल रहे हैं, लेकिन कुछ अधिकारियों कि माने तो निकासी कैश की कमी जिम्मेदारी नहीं हैं बल्कि कारण यह देखा जा रहा है कि लोग उचित खर्च से कहीं अधिक रूपया निकाल रहे हैं।
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यह भी जानने कि कोशिश कर रहा हैं कि कहीं इस मामले का लिंक आने वाले कई राज्यों में चुनावों से तो नहीं, क्योंकि राजनीतिक पार्टियां और नेता चुनावों क लिए पैसा डंफ कर लेते हैं। जिसके बाद वह इसका इस्तेमाल चुनावों में करते हैं। माना यह भी जा रहा हैं कि कुछ लोगो ने 2000 के नोटों को ब्लैकमनी के रूप में एकत्रित कर लिया हैं जिससे कि एटीएम खाली हो गयें हैं।