गोरखपुर महोत्सव संपन्न, विवादों से दूर योगी बोले- जनता देगी जवाब

गोरखपुर महोत्सवलखनऊ। समाजवादी पार्टी द्वारा कराए जाने वाले सैफई में महोत्सव की तर्ज पर इस बार योगी आदित्यनाथ के चुनावी शहर गोरखपुर महोत्सव का आयोजन हुआ। हालांकि तीन दिनों तक आयोजित गोरखपुर महोत्सव समपन्न हो चुका है। शनिवार को समापन समरोह के मौके पर सीएम योगी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

समाजवादी पार्टी 1997 से सैफई में महोत्सव का आयोजन करती रही है। योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में भी महोत्सव हुआ लेकिन इसमें छोटे मोटे ही सही विवाद भी हुए।

शुक्रवार को इस महोत्सव में पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। बताया जा रहा है कि मालिनी अवस्थी के परफॉर्मेंस में भीड़ बेकाबू हो गई। इसके अलावा कार्यक्रम के थीम सॉन्ग पर चोरी के आरोप हैं। बताया जा रहा है कि गाने के धुन कैलाश खेर के गीत की नकल है।

वहीं इस साल गोरखपुर में हुई बच्चों की मौतों के शोक के बीच इस तरह के आयोजन पर भी उंगली उठाई गईं। लेकिन इन सब विवादों से दूर रहते हुए सीएम योगी कार्यक्रम में पहुंचे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये किसी परिवार का महोत्सव नहीं ये गोरखपुर समाज का महोत्सव है। योगी ने कहा कि लोगों को तब भी बुरा लगेगा, जब हम बरसाना में होली मनाएंगे, चित्रकुट में संकीर्तन और गुहाराज की जयंती मनाएंगे। ये दृष्टि दोष है। इसका जनता समय आने पर जवाब देती है।

बहुत लोगों की आदत होती है कुछ न कुछ बोलना। उन्होंने कहा कपिलवस्तु महोत्सव और अयोध्या में दीपावली पर आयोजित दीपोत्सव पर भी उंगली उठाई गई। लेकिन लोग एक महोत्सव पर जितना खर्च कर देते है। हमने उससे कम ही किया।

सीएम ने कहा कि गोरखपुर महोत्सव ने दिखाया कि गोरखपुर की क्या पहचान है। उन्होंने कहा कि अन्य महोत्सवों को भी लोगों ने देखा है। लेकिन इस महोत्सव में हर वर्ग हर क्षेत्र के लोगों जोड़ने का प्रयास हुआ। इसी तरह का आयोजन आगे होना चाहिए।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, मैने रामगढ़ताल का दौरा इसलिए किया कि रामगढ़ ताल विश्व पर्यटन की दिशा में आगे बढ़ सके। गोरखपुर को भी आगे बढ़ना चाहिए।

यूपी के हर गांव शहर को बढ़ना चाहिए। हमारा प्रयास है कि रामगढ़ताल पर्यटन के मानचित्र पर उभर कर आए। गोरखपुर महोत्सव को हर वर्ग का साथ मिला, प्रदेश सरकार ने इसपर बहुत कम पैसा खर्च किया।

इस कार्यक्रम की सुरक्षा के लिए 6 डीएसपी समेत एक हजार पुलिसवाले लगाए गए थे। जहां तक खर्च की बात है सैफई महोत्सव की तुलना में कम खर्च हुआ है। सरकार ने इसके लिए 35 लाख का बजट रखा। मगर आलोचकों ने कहा कि आगे आने वाले समय में ये बढ़ जाएगा।

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