गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में CBI जांच शुरू, 8 अभियंताओं पर FIR दर्ज
लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच लखनऊ के डीआईजी प्रणव कुमार ने पुलिस उपाधीक्षक अलोक कुमार शाही को जांच सौंपी है।
बता दें कि, सीबीआई ने अपनी प्राथमिक कारवाई के तहत प्रमुख सचिव गृह के लिखित पत्र के आधार पर सिंचाई विभाग के 8 अभियंताओं के खिलाफ गुरुवार को एफआईआर दर्ज कर ली। इन आठों अभियंताओं के खिलाफ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में भी केस दर्ज था।
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गौरतलब है कि सपा सरकार ने गोमती नदी को स्वच्छ करने और उसके तट को लन्दन की थेम्स नदी की तर्ज पर विकसित करने के लिए योजना शुरू की थी। करीब 1513 करोड़ की इस योजना में शुरुआत से ही वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिल रही थी लेकिन, तत्कालीन सपा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
वहीँ सूबे में सरकार बदलते ही वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच के आदेश दिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में जांच शुरू हुई।
न्यायिक जांच समिति ने 16 मई को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में पाया गया कि वित्तीय अनियमितता हुई है। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। इस कमेटी ने 16 जून को दी गई अपनी रिपोर्ट में जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की।
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इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर 19 जून को अधिशासी अभियंता, शारदा नहर, लखनऊ खंड के अधिशासी अभियंता डॉ अम्बुज द्विवेदी की ओर से गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।