स्वर्ण मंदिर के साथ अमृतसर की इन जगहों पर टेकें माथा

पंजाब का अमृतसर स्वर्ण मंदिर होने की वजह से काफी लोकप्रिय है। यह मंदिर भारत के लोकप्रिय धार्मिक स्थानों में से एक है। धार्मिक स्थल का महत्वपूर्ण होने की वजह से यहां रोज लाखों की संख्या में लोग आते हैं।

स्वर्ण मंदिर

इस शहर की स्थापना सिखों के चौथे गुरू रामदास जी ने 1601 में की। बाद में उनके उत्तराधिकारी गुरू अर्जुन देव ने इस शहर का विकास किया। इस शहर का नाम वहां के पवित्र सरोवर अमृत के नाम पर रखा गया।

आप सब ने अमृतसर स्वर्ण मंदिर के बारे में सुना भी होगा और यहां कभी न कभी गए भी होंगे। अमृतसर में और भी काफी गुरु द्वारें हैं जिनके बारे में किसी को बता ही नहीं होगा। लोग आते है और बस मंदिर के दर्शन करके चले जाते हैं। एक ही शहर में घूमने के साथ-साथ धार्मिक इतने स्थान मिलेगे आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। आज हम आपको अमृतसर के कुछ गुरु द्वारों के बारे में बताएंगे जिनके बारे में आपने कभी सुना भी नहीं होगा।

गुरुद्वारा पिपली साहिब

इस गुरुद्वारे की स्थापना सिख गुरू, गुरू रामदास जी, गुरू अर्जुन देव जी और गुरू हरगोविंद जी की याद में 20 वी सदी में हुई। इसका नाम पिपली साहिब यू ही नहीं रखा गया यहां कभी पीपल का पेड़ हुआ करता था जो लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ था। कहा जाता है जो बंसत पंचमी के दिन यहा जाता उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह

सन 1575 में गुरू बाबा दीप सिंह ने सिखों के बचाव के लिए मरते दम तक युद्ध किया। बाबा दीप सिंह की याद में सरदार जस सिंह रामगढ़िया  ने एक स्मारक बनाया 1 9वीं शताब्दी में इस स्मारक को में अकाली फुला सिंह ने गुरुद्वारे में बदल दिया।

गुरुद्वारा सारागढ़ी साहिब

गुरुद्वारे की स्थापना ब्रिटिश सरकार ने सन 1902 में की थी । इस गुरुद्वारे की स्थापना लेफ्टिनेंट गवर्नर सर चार्ल्स पेव्ज ने एंग्लो-अफगान युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में की थी। इस  गुरुद्वारे के अंदर शहीदों के नाम दीवार पर अंकित है। 12 सितंबर का दिन इस गुरुद्वारे के लिए काफी यादघार है उसी खिशी में यहां पर 12 सितंबर पर विशेष आयोजन किए जाते हैं।

गुरुद्वारा माता कौलन

गुरुद्वारा स्थापना गुरू हरगोविंद की पूजा करने वाले पाकिस्तान के एक काजी की बेटी बीवी कौलन की याद में की गई थी । यह गुरुद्वारा माता कौलन कौलसर सरोवर नामक पवित्र तालाब के किनारे पर बना है।

यह गुरुद्वारा सिक्ख श्रद्धालुओं के बीच काफी पूज्य है और अगर आप अमृतसर घूमने जा रहे हैं तो यहां जरूर जाएं।

गुरुद्वारा बाबा अटल

यह गुरुद्वारा गुरु हरगोबिंद के पुत्र बाबा अटल राय के युवा जीवन की याद में बनाया गया था। इस गुरुद्वारे में नौ मंजिल है जो 40 मीटर ऊंचा है और इस गुरुद्वारे को अमृतसर में सबसे ऊंची इमारत माना जाता है।

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