Ghaziabad: नगर निगम ने जारी किया घर खाली करने का नोटिस, फल विक्रेता का हार्ट अटैक से निधन

गाजियाबाद (Ghaziabad) में लोकेश कुमार सिंह नामक फल विक्रेता का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें घर खाली करने का नोटिस जारी किया था जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई थी।

गाजियाबाद (Ghaziabad) के अंबेडकर नगर क्षेेत्र में लोकेश कुमार सिंह नाम के 55 वर्षीय व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ा और शुक्रवार तड़के इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारियों द्वारा उनके घर पर नोटिस चस्पा करने के कुछ दिनों बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा। निगम का कहना था कि इमारत जीर्ण-शीर्ण है और यहां रहने वालों को तुरंत इसे खाली करना होगा।

मृतक के परिवार का कहना है कि वह नोटिस से परेशान थे और इसके तुरंत बाद उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का सामना करना पड़ा। मृतक व्यक्ति की पहचान फल विक्रेता लोकेश कुमार सिंह के रूप में हुई है। उनके परिवार ने कहा कि उन्हें गुरुवार देर रात दिल का दौरा पड़ा और वे उन्हें दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल ले गए जहां शुक्रवार की सुबह उनकी मृत्यु हो गई।

लोकेश की बेटी काजल सिंह ने कहा, ‘हमारे कुछ पड़ोसियों ने निगम से शिकायत की कि हमारा घर जीर्ण-शीर्ण हो गया है और यह पड़ोस की इमारतों और लोगों के लिए खतरा है। निगम ने रविवार को हमारे घर पर नोटिस चस्पा किया और हमें तुरंत परिसर खाली करने को कहा। हम एक गरीब परिवार से हैं और घर में मेरे पिता अकेले कमाने वाले थे। नोटिस जारी होने के बाद से वह काफी परेशान थे। हम उन्हें रोज दवाएं देते थे लेकिन गुरुवार रात उसकी तबीयत बिगड़ गई।’

मृतका की बेटी ने कहा कि उसके पिता को पहले भी दो बार दिल का दौरा पड़ा था। गुरुवार को पड़ा दौरे ने जिंदगी छीन ली। बेटी ने कहा, ‘हम पांच बहने हैं जिसमें दो (नाबालिग) भाई हैं, जो अभी पढ़ाई कर रही हैं। हमने निगम के अधिकारियों से कहा कि हमारे पास किराए के घर में शिफ्ट होने या नया खरीदने का कोई साधन नहीं है। हमने पिछले साल पीएम आवास योजना के तहत एक घर के लिए भी आवेदन किया था लेकिन अभी तक उस पर कोई जानकारी नहीं मिली है। मेरे पिता रविवार से इसे लेकर चिंतित थे और आखिरकार वे हमें छोड़कर चले गए।’

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Ghaziabad में लोकेश के दर्जनों पड़ोसियों ने गुस्से में नोटिस को फाड़ दिया। पड़ोसी हरविंदर सिंह ने कहा, ‘परिवार की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। सिंह नोटिस से परेशान थे और उन्होंने हमसे इस बारे में बात की। परिवार गरीब है और आजीविका का कोई वैकल्पिक साधन नहीं है। परिवार को कुछ सहायता प्रदान करने के लिए हम पार्षद की मदद लेंगे।’

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