कूड़ा निस्तारण का ड्राफ्ट हाई कोर्ट में पेश गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माने का प्रावधान
नई दिल्ली। दिल्ली में कचरा निस्तारण को लेकर स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण विशेषज्ञों द्वारा तैयार नियमों (बायलॉज) का ड्राफ्ट मंगलवार को हाई कोर्ट में पेश किया गया। इसमें निगम की सेवाएं लेने पर फीस का भुगतान करने से लेकर कूड़ा उत्पन्न होने वाले स्थान पर ही उसके निस्तारण व ठोस कचरे को अलग करने के तरीके बताए गए हैं।
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह यह ड्राफ्ट उपराज्यपाल के समक्ष पेश करे, ताकि इस संबंध में तुरंत नोटिफिकेशन जारी किया जा सके। इस तरह का ड्राफ्ट देश में पहली बार बनाया गया है। नियमों के तहत हाउसिंग सोसायटी को कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी। कूड़े के रखरखाव, ट्रांसपोर्ट व निस्तारण से लेकर गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माने तक का प्रावधान है।
हाई कोर्ट ने कहा कि सभी स्थानीय निकायों ने ड्राफ्ट का समर्थन किया है। प्रत्येक वर्ष जुर्माने की राशि में पांच फीसद की वृद्धि की जाए। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट के आदेश पर यह ड्राफ्ट तैयार किया गया है, जिसमें पर्यावरणविद सुनीता नारायण, अलमित्र पटेल और एमसी मेहता ने भी योगदान दिया है। हाई कोर्ट डेंगू व चिकनगुनिया को लेकर वकील अर्पित भार्गव और गौरी ग्रोवर की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।