
गणेश चतुर्थी प्रत्येक वर्ष भाद्रपक्ष के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन दस दिनों का गणेशोत्सव की शुरुआत होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इन दिनों श्रीगणेश की मूर्ति घरों में स्थापित की जाती है तथा उनकी पूजा-अर्चना होती है। इस अवसर पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते वक़्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है।
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आईये जानते है मूर्ति स्थापना के समय ध्यान रखने योग्य बाते-
- घर या दुकान में गणेश मूर्ति रखते समय ध्यान रखें की उनके दोनों पैर ज़मीन का स्पर्श करते हुए हों। इससे कामों में स्थिरता और सफलता आती है।
- सर्व मंगल की कामना करने वालों को सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती है।
- घर में भगवान गणेश की बैठी मुद्रा में और दुकान या ऑफिस में खड़े गणपति की मूर्ति या तस्वीर रखना बहुत ही शुभ माना जाता है।
- घर के ब्रह्म स्थान यानी केंद्र में और पूर्व दिशा में मंगलकारी श्री गणेश की मूर्ति या चित्र जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
- घर में श्री गणेश का चित्र लगाते समय ध्यान रखें कि चित्र में मोदक और चूहा अवश्य हो। इससे घर में बरकत रहती है।
- घर के मेन गेट पर गणपति की दो मूर्ति या चित्र लगाने चाहिए। उन्हें ऐसे लगाएं कि दोनों गणेशजी की पीठ मिली रहे। ऐसा करने से सभी वास्तु दोष खत्म हो जाते है।
- श्रीगणेश की मूर्ति या चित्र में इस बात का ध्यान रखें की उनकी सूंड बाएं हाथ की और घुमी हुई हो। दाएं हाथ की और घुमी हुई सूंड वाले गणेश जी हठी होते हैं।
- घर का जो हिस्सा वास्तु के अनुसार सही न हो, वहां घी मिश्रित सिंदूर से श्रीगणेश स्वरुप स्वास्तिक दीवार पर बनाने से वास्तु दोष का प्रभाव कम होने लगता है।
- घर या दुकान में सुख-शांति, समृद्धि की इच्छा रखने वालों को सफ़ेद रंग के विनायक की मूर्ति या तस्वीर लगानी चाहिए।