चारा घोटाला : आ गया अदालत का फैसला, लालू यादव दोषी करार

रांची। चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया है। लालू यादव को दोषी करार दिया गया है। साथ ही 15 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। वहीं जगन्नाथ मिश्रा के साथ 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। सजा का ऐलान 3 जनवरी को होगा।

देश के इस चर्चित घोटाले में आरोपी लालू की गिरफ्तारी कोर्ट से ही होगी और उन्हें रांची जेल भेजा जाएगा। लालू 3 तारीख तक जेल में ही रहेंगे।

इस मामले में लालू प्रसाद व जगन्नाथ मिश्रा आरोपी थे। अदालत इस मामले में देवघर जिला राजकोष से फर्जी रूप से 84.5 लाख रुपये निकालने के लिए आरसी 64ए/96 के तहत फैसला सुनाया है।

इस फैसले को लेकर कोर्ट के बाहर लालू के समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी। लालू के समर्थकों ने नारेबाजी भी की। फैसला आने से पहले अदालत पहुंचे लालू यादव ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।

लालू ने कहा कि फैसला चाहे जो आए सभी लोग शांति बनाए रखें। लालू ने कहा कि हमें अदालत का जो भी फैसला आएगा वो मंजूर है। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि फैसला उनके पक्ष में आएगा।

इससे पहले, सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने इस मामले की सुनवाई 23 दिसंबर को करने व उक्त तिथि को सभी अभियुक्तों को अदालत में उपस्थित रहने के आदेश दिए थे। इस मामले में 34 आरोपियों में से 11 की मौत हो चुकी है और वहीं एक सीबीआई अनुमोदक बन गया था।

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बता दें लालू प्रसाद व मिश्रा पहले से ही चारा घोटाले के एक अन्य मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं और दोनों जमानत पर बाहर हैं।

उल्लेखनीय है कि रांची में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने मामले में फैसला सुनाने के लिए 23 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को निर्धारित तिथि के दिन कोर्ट में हाजिर होने का आदेश जारी कर दिया है।

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इस केस में लालू प्रसाद के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा एवं ध्रुव भगत, आर के राणा, तीन आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डा. के के प्रसाद तथा शेष अन्य चारा आपूर्तिकर्ता आरोपी थे। सभी 38 आरोपियों में से 11 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन सीबीआई के गवाह बन गए हैं। वहीं दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था, जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट अपनाया सख्त रवैया

लंबे समय से चल रहे चारा घोटाले मामले पर सख्त रवैया दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने CBI को 9 महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मामले की सुनवाई में तेजी आई और हर सप्ताह इसकी सुनवाई होने लगी।

950 करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद याद, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत 22 अन्य लोग आरोपी हैं।

कितनी हो सकती है सजा

लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में यदि लालू और अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात साल और न्यूनतम एक साल की कैद की सजा होगी। हालांकि, सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में गबन की धारा 409 के तहत 10 साल और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।

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