पहला वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन आज, आयुष मंत्रालय ने कहा- घरों से अपलोड करें वीडियो

मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के उत्तरायण होने का महापर्व है। इस दिन पहली बार वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस त्योहार को देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न नामों से मनाया जाता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल नाम से मनाया जाता है जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे सिर्फ संक्रांति ही कहते है। इसके अलावा उत्तर भारत में मकर संक्रांति और पंजाब में लोहड़ी नाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के उत्तरायण होने का महापर्व है। गंगासागर में इस मौके पर महास्नान होता है। सनातन संस्कृति में इस पर्व का बहुत महत्व है। सूर्य की अक्षय उर्जा को यह पर्व खास तौर से मनाया जाता है। इस मौके पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल लोगों को संबोधित करेंगे।

मकर संक्रांति के मौके पर आज पहली बार वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें करीब 1 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है। आयुष मंत्रालय ने कोरोना महामारी को देखते हुए घरों पर ही सूर्य नमस्कार करने और उसके वीडियो रजिस्ट्रेशन के लिए इस्तेमाल की गई लिंक पर अपलोड करने की सलाह दी है। मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के उत्तरायण होने का महापर्व है। गंगासागर में इस मौके पर महास्नान होता है। सनातन संस्कृति में इस पर्व का बहुत महत्व है। सूर्य की अक्षय उर्जा को यह पर्व खास तौर से मनाया जाता है। इस मौके पर केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल लोगों को संबोधित करेंगे।

अगर बात करे पहली बार सूर्य नमस्कार की शुरूआत की तो जापान से शुरु हुआ था। इसके बाद भारत सहित दुनिया के अन्य देशों में भी सुबह सात बजे से शुरू हुआ। पूरी दुनिया में एक करोड़ से ज्यादा लोग इस मुहिम में शामिल हो रहे हैं। बड़ी संख्या में दुनियाभर के लोगों ने इसके लिए पंजीयन कराया है। लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि सूर्य नमस्कार के जरिए आठ आसन होते हैं जिनमें से एक एक आसान सांस लेने के साथ होता है। यह यौगिक प्रक्रिया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत आयुष मंत्रालय आगामी 14 जनवरी को वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के लिए पूरी तरह से तैयार है। आयुष मंत्री सोनोवाल ने कहा कि वर्तमान में कोविड 19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए मकर संक्रांति पर सूर्य नमस्कार कार्यक्रम ज्यादा प्रासंगिक है।

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