
रिपोर्ट-संजय मणि त्रिपाठी
मुरादाबाद। आईएएस पर दर्ज हुई एफआईआर– जमीन घोटाले में आरोपों का सामना कर रहें जनपद के पूर्व डीएम जुहैर बिन सगीर और तत्कालीन एडीएम सिटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से हड़कम्प मचा हुआ है। विजलेंस निरीक्षक द्वारा जनपद के सिविल लाइन और मूंढापांडे थाने में दो मुकदमें दर्ज किए गए है जिनमें पूर्व डीएम के खिलाफ जांच के बाद जमीन से जुड़े मामलों में फर्जीवाड़े की पुष्टि होने का दावा किया गया है।
पूर्व डीएम के साथ ही तहसील के आधा दर्जन से भी ज्यादा कर्मियों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। पूर्व डीएम पर विकास प्राधिकरण की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुक्त करने और जिला कारागार की जमीन खरीदने में हेराफेरी करने का आरोप है।
मुरादाबाद जनपद में तैनात रहें डीएम जुहैर बिन सगीर की मुश्किलें लगातार बढ़ रहीं है। दो साल पहले डीएम रहें जुहैर बिन सगीर के खिलाफ विजलेंस निरीक्षक ने दो मुकदमें शासन के आदेश पर दर्ज किए है। सिविल लाइन थाने में दर्ज मुकदमें में पूर्व डीएम पर आरोप है कि मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा ली गयी सीलिंग की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिये भूमाफियाओं को हस्तांतरित कर दिया गया।
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शासन को मिली शिकायतों के बाद जब विजलेंस को मामले की जांच सौंपी गई तो जांच में डीएम जुहैर बिन सगीर, एडीएम ए. के. श्रीवास्तव, सदर तहसीलदार समेत आठ लोग दोषी पाए गए।विजलेंस रिपोर्ट में एक पक्षीय निर्णय लेने, विकास प्राधिकरण से जानकारी किये बिना जमीन को अवमुक्त करने के आरोप सही पाए गए. विजलेंस रिपोर्ट के आधार पर सिविल लाइन थाने में गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। शासन के निर्देशों के बाद पूर्व डीएम के खिलाफ दूसरा मुकदमा मूंढापांडे थाने में दर्ज किया जा रहा है। जिसमें जिला कारागार के नए निर्माण के लिए जमीन खरीदने में धांधली का आरोप है।
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जनपद के एक वकील की शिकायत पर हुई जांच में किसानों की जमीन सस्ती दरों पर भूमाफियाओं द्वारा खरीदने और बाद में जिला प्रशासन द्वारा भुआफ़ियाओ से ज्यादा कीमत में जमीन खरीदने की पुष्टि हुई है। जमीन खरीद और सीलिंग की जमीन छोड़ने के मामले में तत्कालीन कर्मियों ने भी जमकर फर्जीवाड़ा किया और फर्जी रिपोर्ट लगाकर धोखाधड़ी की।विजलेंस जांच में यह भी सामने आया कि सीलिंग जमीनों को भूमाफियाओं के नाम से दस्तावेजों में दर्ज कर जमीन उन्हें सौंप दी गयी।शिकायत मिलने के बाद मुरादाबाद प्रशासन ने कुछ समय पहले फर्जी तरीके से हैंडओवर की गई जमीन को वापस विकास प्राधिकरण को सौंप दिया है।
पूर्व डीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस अधिकारी मामले पर कैमरे के सामने आने को तैयार नहीं है।अधिकारियों के मुताबिक विजलेंस पूरे मामले की जांच करेगी और इस मामले में शासन द्वारा विजलेंस विभाग को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए थे।विजलेंस इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार शर्मा द्वारा दर्ज मुकदमें में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित आईपीसी की धारा 409,420 और 120-B में मुकदमा दर्ज किया गया है।