किसानों पर बयान देकर बुरे फंसे कृषि मंत्री, दर्ज मामला हुआ

नई दिल्‍ली। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह पर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक वकील ने किसानों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को मुकदमा दर्ज किया। सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मुकदमा दर्ज किया। मुकदमे की सुनवाई अगले सप्ताह होगी।

कृषि मंत्री

कर्ज माफी और कृषि उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन पर उतरे हजारों किसानों पर टिप्पणी करते हुए कृषि मंत्री ने कहा था कि किसान मीडिया का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “देश में करोड़ों किसान हैं, मगर उनमें से कुछ ही लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका कोई औचित्य नहीं है।”

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किसानों का 10 दिवसीय आंदोलन एक जून को आरंभ हुआ। पिछले साल इसी समय मध्यप्रदेश के मंदसौर में आंदोलन के दौरान छह जून को पुलिस की गोलीबारी में सात किसानों की मौत हो गई थी।

पंजाब, हरियाणा, महराष्ट्र और राजस्थान के किसान भी किसान संगठनों के आह्वान पर शुक्रवार को आंदोलन में शामिल हो गए।  राधामोहन सिंह द्वारा दिए गए बयान कि किसान मीडिया में आने के लिए खुदकुशी करते हैं, की चौतरफा आलोचना हो रही है।

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बता दें कि केंद्र सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसानों का दस दिवसीय आंदोलन शुक्रवार को शुरु हुआ था। देश के 22 राज्यों में कई किसान संगठन संयुक्त रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी उपज के लिए लाभकारी दाम, स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशें लागू करने एवं कृषि ऋण माफ करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने शहरों में सब्जियों, फलों, दूध और अन्य खाद्य पदार्थों की आपूर्ति रोक दी है।

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