ये है भारत का असल सच! फसल चौपट और बेटा गिरवी, आखिर में सांसें खत्म

नई दिल्लीः गरीबी इंसान से हर वो काम कराती है जो इंसान सपने में भी नहीं सोच सकता। अमूमन ऐसी खबरें भी आती रहती हैं। कहीं किसी ने अपने दुधमुंहे बच्चे को दूसरे को सौंप दिया तो किसी ने जिंदगी ही खत्म कर ली। पूछने वाला कोई नहीं। इसके बाद खानापूर्ति भी होती है और ऐसे मामलों में राजनीति भी। ऐसा ही मामला फिर सामने आया है। जहां एक किसान बाप ने बेटे को गिरवी रख दिया।

बेटे को गिरवी

भाजपा शासित मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर गांव भोलाना के एक किसान कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या कर ली है। 42 साल के इस किसान ने अपने खेत में ही कीटनाशक पीकर जान दे दी। बात सिर्फ इतनी ही नहीं इसके बीच भी एक झकझोर देने वाली सच्चाई है।

बताया जा रहा है कि, किसान ने गांव में अपने डेढ़ एकड़ के खेत में पहले केला फिर कपास और उसके बाद दलहनी फसलें लगाई। लेकिन उसकी सारी फसलें सूख गईं और कारण था सिंचाई का साधन न होना। इससे किसान लाखों के कर्ज तले दब गया। किसान ने इन फसलों के लिए ब्याज पर लाखों का उधार ले रखा था। इससे उबरने के लिए किसान ने एक दर्दनाक तरीका निकाला।

किसान ने पड़ोस में रहने वाले शख्स के पास ढाई लाख में अपने बेटे को गिरवी रख दिया। उसकी अपने बेटे को छुड़ाने की भी एक मात्र उम्मीद उसकी फसलें ही थीं। लेकिन फसलों के सूख जाने से हुए नुकसान के चलते उसकी सारी उम्मीदें खत्म हो गईं।

जिसके चलते किसान ने अपने खेत में कीटनाशक पीकर खुद की सांसे रोक लीं। किसान की मृत्यु को दो दिन बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उसकी सुध लेने नहीं पहुंचा।

 

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