
मुंबई। कोंकण में प्रस्तावित नाणार रिफाइनरी परियोजना को लेकर सहयोगी शिवसेना द्वारा किए गए हमले के कुछ मिनटों बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को जवाबी हमला किया।
अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी सुभाष देसाई द्वारा यह कहे जाने के बाद कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की 18 मई, 2017 की अधिसूचना रद्द कर दी गई है, फडणवीस ने नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त लहजे में कहा कि उन्हें (देसाई) ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, “अधिसूचना रद्द नहीं की गई है। यह अधिकार सिर्फ उच्च अधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के पास है, जिसके अध्यक्ष मुख्य सचिव हैं और किसी मंत्री के पास यह अधिकार नहीं है।”
फडणवीस ने कहा, “इस पर कोई भी निर्णय राज्य व कोंकण के हित में सिर्फ एचपीसी द्वारा उचित समय व सही तरीके से चर्चा के बाद लिया जा सकता है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह (अधिसूचना को रद्द करना) मंत्री (देसाई) की निजी राय थी और यह सरकार की राय नहीं थी।
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फडणवीस ने कहा, “इस तरह का कोई प्रस्ताव इस मुद्दे पर एचपीसी द्वारा प्राप्त नहीं किया गया है और कोई अधिसूचना (नाणार) रद्द नहीं की गई है।”
विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने ठाकरे की टिप्पणी को लेकर हमला किया और कहा कि शिवसेना का नाणार परियोजना का विरोध करना ‘एक समझौता’ है।
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विखे-पाटील ने कहा, “अगर आप कहते हैं कि मुख्यमंत्री की बात का दिल्ली में कोई महत्व नहीं है तो उनके तहत आपके मंत्री सरकार में अभी भी काम क्यों कर रहे हैं। आप पहले ही बहुत बार सरकार छोड़ने की धमकी दे चुके हैं।”
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