
नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर वोट मिलने के बाद विपक्ष लगातार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर आरोप लगा रहा है। विपक्ष का कहना है कि ईवीएम में किसी को भी वोट दो वोट बीजेपी को ही जाता है। चुनाव आयोग लगातार विपक्ष के आरोपों निर्धार बताता रहा है। गड़बड़ी के आरोपों का सामना कर रहे चुनाव आयोग ने इसकी विश्वसनीयता साबित करने के लिए ओपन चैलेंज देने का फैसला किया है। पोल पैनल के सूत्रों के अनुसार, ”हम ओपन चैलेंज के लिए जल्द ही एक तारीख तय करेंगे। 2009 में भी चुनाव आयोग ने सभी के लिए ओपन चैलेंज जारी किया था जिसमें कहा गया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ करके दिखाया जाए।
कोई भी इसे साबित नहीं कर पाया था। उसके बाद से एक बार फिर इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस पर हमने फैसला किया है कि सभी शक और संदेहों को दूर करने के लिए एक बार फिर से इस प्रकिया को दोहराया जाए।” राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और लोगों को इस चैलेंज में शामिल होने के लिए कहा जाएगा।
जिस भी व्यक्ति को इस पर संदेह है वह ओपन चैलेंज में शामिल हो सकता है। बता दें कि सोमवार (3 अप्रैल) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चुनौती दी थी कि उन्हें 72 घंटे के लिए ईवीएम दी जाए, इसमें गड़बड़ी कर देंगे।
केजरीवाल ने इससे पहले आरोप लगाया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार का ठीकरा भी ईवीएम पर ही फोड़ा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। सपा और कांग्रेस से भी इसी तरह की आवाजें आई थीं।