ओडिशा के भव्य मंदिर में आज से पूरी होगी हर मनोकामना

भारत हमेशा से धर्मिक प्रधान देश रहा है। यहां के लोगों की धर्म में विशेष आस्था है। इसी आस्था के चलते यहां पर मंदिरों की कोई कमी नहीं है। जगन्नाथ पुरी का नाम भारत के चार धामों में शुमार है। यहां हर कोई अपने मन की मुराद पूरी करने के लिए भगवान का सहारा लेता है। आपने ऐसे बहुक से मंदिर होगे जिनका दर्शन किया होगा। लेकिन आज हम आपको ओडिशा के एक मंदिर की बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम शायद ही आपने कभी सुना हो।

जगन्नाथ मंदिर

ओडिशा के पुरी में आज से यानी कि 14 जुलाई से जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो रही है। यह यात्रा पूरे 10 दिनों तक चलती है। हर साल यह पवित्र यात्रा आषाढ महीने के शुक्ल पक्ष में शुरू होती है। पूरे भारत में यह यात्रा निकाली जाती है। इसलिए यह यात्रा सबसे अलग मानी जाती है। इस यात्रा में शामिल होने लोग दूर-दूर से यहां आते हैं।

जगन्नाथ मंदिर

जगन्नाथ मंदिर इस दौरान अपने आकर्षण के कारण काफी जाना जाता है. इस दौरान इस मंदिर को एक अलग ही अंदाज में सजाया जाता है। इस मंदिर की पूजा में शामिल होने लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। रात में जनमगाते सितारों और रोशनी के बीच इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। इस मंदिर का निर्माण 11 शताब्दी में कराया गया था।

जगन्नाथ मंदिर

साक्षी गोपाल मंदिर

जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान आप आसपास के खास मंदिरों और स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। आप जगन्नाथ मंदिर से लगभग 20 किमी की दूर पर स्थित साक्षी गोपाल मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां स्थापित प्रतिमा को भगवान कृष्ण को पोते वज्र ने सालों पहले वृंदावन में रख दिया था, माना जाता है कि जिसके बाद खुद प्रभु वृंदावन से यहां चलकर आए। इस मंदिर की सरंचना काफी हद तक जगन्नाथ मंदिर से मिलती है।

साक्षी गोपाल मंदिर

 

कोणार्क सूर्य मंदिर

इस मंदिर का निर्माण 13 वीं शताब्दी में राजा नरसिंह ने कराया था। यह मंदिर अपनी वास्तुकला और नक्काशी के लिए खासा जाना जाता है। यह मंदिर एक विशाल रथ के सामान दिखता है, जिसमें विशाल पहिए भी बनाए गए हैं।अगर आपको कला देखने या बनाने का शौक है तो आपको एक बार इस मंदिर के दर्शन जरूर करने चाहिए।

 

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