राजस्व ग्राम घोषित होने के बाद भी बुनियादी सुविधाओं की मार झेल रहा यह गाँव

रिपोर्ट- रविन्द्र मिश्रा

महराजगंज। दशकों संघर्ष के बाद वन टांगिया गांवो को मुख्यमंत्री योगी द्वारा 1 जनवरी 2018 को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया। इसके साथ ही लोगों में विकास की अलख जगने लगी है कि अब वन्य गांव को भी आधारभूत सुविधाएं मिलेंगी।

योगी सरकार

लेकिन इस गांव की जमीनी हकीकत आज भी बद से बदतर बनी हुई है। कच्ची सड़क जिनपर वाहन चलना तो दूर पैदल चलना भी जान हथेली पर रखने के बराबर है। बाकी की कमी यहां की शिक्षा व्यवस्था पूरी कर देती है। लगभग 400 बच्चे टिन सेड व छप्पर से बने विद्यालय में पढ़कर डिजिटल इंडिया की नींव रख रहे हैं।

महराजगंज जिले के 18 वन टांगिया गांव आज भी आधारभूत सुविधाओं से कोसो दूर है। इन वन्य गांव के लोगों के दशको संघर्ष करने के बाद मुख्यमंत्री योगी द्वारा सात माह पहले राजस्व गांव घोषित कर दिया गया। जिसके साथ ही वन्य गांव के लोगो की वर्षो से संजोये सपने पूरी होते दिखने लगी। उनको क्या पता राजनीतिक गलियारों में ऐसे सपने रोज बनाएं और बिगाड़े जाते है।

इन्ही गावों मे से एक ‘वन टांगिया कंपार्ट 28’ की हालत बेहद दयनीय है। सड़क की हालात ऐसी है कि बरसात के मौसम में यहां न एम्बुलेन्स आती है। और ना ही यूपी 100 पहुँच पाती है।

वहीँ स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात आते ही गांव से निकलना मुश्किल हो जाता है। और साथ ही बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते हैं। कीचड़ व जल जमाव के कारण बीमारी कब किसके गले पड़ जाये कोई नहीं जानता।

गांव में छप्पर की बनी दीवार और टिन सेड के नीचे पांच सरकारी अध्यापको द्वारा बच्चों को पढ़ाया जाता है। आज भी वन टांगिया गांव के सपने कीचड़ मे सने हैं।

इन गांवो के जीविका अर्जन की मुख्य आधार सब्जी उत्पादन है। गांव के अधिकतर लोग सब्जी की खेती करते हैं। इन्हें बेचकर अपने परिवार का गुजर-बसर करते हैं।

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वन टांगिया की बस्ती में बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर करीब साढ़े पांच करोंड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया है। जिससे प्राथमिक विद्यालय बनाया जा सके। वनग्रामों की सूची में जो गाँव आ रहे हैं। वो कुछ इस तरह हैं।

अचल गढ़ नर्सरी, तिकोनिया, बेलौहा दर्रा , बरहवा, दौलतपुर, कानपुर दर्रा, बेलासपुर, भारीवैसी,सुरपार , खुर्रमपुर, चेतरा नर्सरी, बीट नर्सरी, हथिअह्वा , बलुअहिया , कम्पार्ट 24,कम्पार्ट 26, कम्पार्ट 27, कम्पार्ट 28 और उसरहवा।

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इस कार्य योजना में 18 प्राथमिक और 14 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए नए सिरे से खोलने की बात की गयी है।

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