यहां महंगाई ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 12 हज़ार में एक दर्जन अंडे, हर 34 घंटे में बढ़ रही कीमत

अंडे के दामनई दिल्ली। अंडे के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। लेकिन ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। वैसे तो भारत में अंडे की कीमत में 35 फीसदी का इजाफा हो गया है। इस बढ़ती महंगाई से आम जनता भी परेशान है। लेकिन एक ऐसा भी देश है जहां महंगाई 4000 फीसदी तक बढ़ गई है। जी हां आपने बिलकुल सही सुना चार हज़ार फीसदी।

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ऐसा हाल वेनेजुएला का है, यहां एक दर्जन अंडे के लिए 12000 हज़ार रूपये चुकाने पड़ रहे हैं। दरअसल, वेनेजुएला की मुद्रा बॉलिवर डॉलर के मुकाबले काफी ज्यादा गिर चुकी है। इसकी वजह से यहां भुखमरी जैसे हालात पैदा हो गये हैं।

खबरों के मुताबिक, यहां एक हफ्ते का गुजारा चलाने के लिए लोगों को 7 लाख बॉलिवर खर्च करने पड़ रहे हैं।

ऐसी स्तिथि में अब वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक में सिर्फ 10 अरब डॉलर बचे हुए हैं। बैंक का सारा खजाना कर्ज चुकाने में ही ख़त्म हो गया है। तब भी पूरा कर्ज चुकाया नहीं जा सका है। हालात इतने ख़राब है कि यहां एक डॉलर की कीमत 84000 बॉलिवर हो गई है। मौजूदा स्तिथि का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि यहां एक पैकेट दूध की कीमत की एवज में 84000 बॉलिवर चुकाने पड़ रहे हैं।

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खैर ये तो हुई वेनेजुएला की बात अब हम और भी ऐसे देशों के बारे में बताते हैं। जहां महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं।

हर 34 घंटे में बढ़ी युगोस्लाविया में महंगाई

वेनेजुएला जैसे ही हालात यहां भी थे। बढ़ती महंगाई ने देश की कमर तोड़कर रख दी थी। सभी देशों से व्यापार भी बंद करना पड़ गया था। नोटों की छपाई की गई थी। इसकी वजह से यहां हर 34 घंटे में महंगाई बढ़ने लग गई थी। बढ़ती महंगाई के कारण 5 अरब दीनार नोट छापे गये थे। 1992 से 1994 के दौरान यहां ऐसे ही हालात रहे थे।

जिम्बाब्वे में भी बढ़ती महंगाई ने तोडा कमर

जिम्बाब्वे भी महंगाई की चपेट में है। वहां भी भुखमरी जैसे हालात बने हुए हैं। एक वक्त तो महंगाई का आलम ये था कि एक ब्रेड के पैकेट खरीदने के लिए लोगों को करोड़ों डॉलर खर्च करने पड़ रहे थे।

जब जर्मनी में ट्रक भरकर ले जाने पड़े पैसे

अडोल्फ़ हिटलर की तानाशाही के दौरान (1922-23) जर्मनी में भी अतिमहंगाई जैसे हालात पनपे थे। तब लोगों को रोजमर्रा के सामान खरीदने के लिए ट्रकों में पैसे भरकर ले जाने पड़ते थे।

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