भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण का प्रयास जारी : प्रवीर कुमार

योगी आदित्यनाथलखनऊ| उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद पारदर्शिता को लेकर एक नई पहल की गई है। राज्य के राजस्व विभाग ने भी भूमि अभिलेखों को कंप्यूटर में फीड करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए विभाग ने डिजिटल लैंड मैनेजमेट सिस्टम की शुरुआत की है, जिससे लोग घर बैठे अपने भूमि रिकॉर्ड से संबंधित जानकारी ले सकेंगे।

उप्र राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रवीर कुमार ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि उप्र देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां के भूमि रिकॉर्ड का डाटा ऑनलाइन करना एक चुनौती की तरह है।

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प्रवीर कुमार ने कहा, “हमारी कोशिश है कि भूमि रिकॉर्ड ऑनलाइन किए जाएं। इसके लिए हमने डिजिटल लैंड मैनेजमेंट सिस्टम भी स्थापित किया है। इससे विभाग के काम में पारदर्शिता आएगी और लोगों के बीच भरोसा बढ़ेगा। नई तकनीक के सहारे सभी तरह की जमीनों का डाटा और उससे जुड़ी अन्य जानकारियां ऑनलाइन की जा रही हैं।”

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया कि विभाग की तरफ से ‘भूलेख’ नामक एक पोर्टल भी तैयार किया गया है, जिस पर जमीन से संबंधित सभी तरह की जानकारियां पारदर्शी रूप से अपलोड की जा रही हैं।

प्रवीर कुमार ने कहा कि उप्र सरकार ने भूलेखों के डिजिटलीकरण की शुरुआत की है। इसे लेकर कई तरह के कदम उठाए गए हैं।

भूलेख पोर्टल के बारे में उन्होंने कहा, “उप्र में लगभग 1.09 लाख गांव हैं और 7.65 करोड़ भूखंड हैं। इन भूखंडों के आंकड़ों को सुरक्षित करने के लिए ही भूलेख पोर्टल की शुरुआत की गई है। भूलेख पोर्टल पर किसी भी भूखंड से जुड़ी सारी जानकारी आपको मिल जाएगी। इससे फर्जीवाड़े और धोखेबाजी पर रोक लगाई जा सकेगी।”

कुमार ने कहा कि उप्र में करीब 7.11 लाख मामले रेवेन्यू कोर्ट में लंबित हैं। सभी तरह के मामलों की सुनवाई में पारदर्शिता बरतने के लिए विभाग ने रेवेन्यू कोर्ट केस कंप्यूटराइज्ड मैनेजमेंट सिस्टम बनाया है।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए राजस्व विभाग ने सभी डिजिटल अभियानों को काफी तेजी से आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने भी सरकार बनने के बाद से ही एंटी भू माफिया अभियान शुरू करने का ऐलान किया था। इसकी जिम्मेदारी भी राजस्व बोर्ड को ही मिली थी।

कुमार ने कहा कि पूरे उप्र में ऐसी सरकारी जमीनें जो अतिक्रमण की शिकार हैं, उन्हें मुक्त कराने का अभियान शुरू हो चुका है। जल्द ही इसके अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

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