डिजिटल इंडिया को मिला RBI का साथ, डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर नहीं कटेगा कोई चार्ज !

रिजर्व बैंकनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को पूरी तरह से साकार करने में रिजर्व बैंक बड़ा योगदान देने की योजना बना रही है। इसके तहत अब डेबिट कार्ड से लेन-देन को तर्कसंगत बनाने का फैसला किया गया है। इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा भी मिलेगा, साथ ही लोगों के बीच इसके उपयोग को लेकर संकोच भी खत्म हो पाएगा।

हालांकि नोटबंदी के बाद से सरकार द्वारा इस दिशा में दिए जाने वाले जोर से काफी बदलाव आया है। डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन की ओर लोगों का रुझान भी पहले ज्यादा हुआ है। लेकिन अभी भी अमूमन लोग कार्ड पेमेंट से हिचकते और कन्नी काटते नज़र आते हैं। कारण है इस सुविधा के उपयोग के बदले ट्रांजैक्शन पर लगने वाले चार्ज।

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ख़बरों के मुताबिक़ रिजर्व बैंक इन्हीं चार्जेस को कम करने या पूरी तरह से ख़त्म करने पर विचार कर रही है। ताकि इस दिशा में लोगों के रुझान को शत-प्रतिशत बढ़ाया जा सके।

दरअसल केंद्र सरकार ने नोटबंदी के बाद नकदी लेनदेन को घटाकर कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए।

सरकार ने डिजिटल पेमेंट के लिए यूपीआई आधारित भीम ऐप लॉन्च किया तो कार्ड ट्रांजैक्शन के लिए पॉइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) मशीनों की तादाद बढ़ा दी।

बहरहाल, रिजर्व बैंक ने नई मौद्रिक नीति के तहत मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। केंद्रीय बैंक ने रीपो रेट 6 प्रतिशत बरकरार रखने के साथ-साथ मौजूदा वित्त वर्ष का अनुमानित जीडीपी ग्रोथ रेट भी 6.7 प्रतिशत पर कायम रखा।

बता दें मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) वह कमीशन होता है जो प्रत्येक कार्ड ट्रांजैक्शन सेवा के लिए दुकानदार को बैंक को देना पड़ता है। पॉइंट ऑफ सेल मशीन बैंक के द्वारा लगाई जाती है।

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2012 से भारतीय रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये के डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर 0.75% MDR तय कर रखा है, जबकि 2,000 से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर 1% MDR लिया जाता है।

गौरतलब है कि बैंक द्वारा MDR के तौर पर कमाई गई राशि में से कार्ड जारी करने वाले बैंक और कुछ हिस्सा पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे वीजा, मास्टरकार्ड या NPCI को दिया जाता है। इस चार्ज के कारण ही दुकानदार कार्ड से पेमेंट पर हिचकते हैं।

जानकारों के मुताबिक़ कार्ड ट्रांजैक्शन पर लग रहे चार्ज को डिजिटिल पेमेंट की राह में बाधक बताया जा रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोग अपनी जेबें ढीली कर कैशलेस पेमेंट पर सरकार का साथ नहीं दे पाएंगे।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल पेमेंट की राह में यह बड़ा बदलाव लाने का मन बनाया है। उम्मीद की जा रही है कि इस बाबत जल्द ही रिजर्व बैंक द्वारा कोई ठोस फैसला सुनाया जाएगा।

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