क्षेत्रीय भाषाओं से चमकेगी भारत की डिजीटल अर्थव्यवस्था, गूगल का दावा
नई दिल्ली। गूगल इंडिया ने बुधवार को कहा है कि क्षेत्रीय भाषाओं में अधिक डिजिटल सामग्री का निर्माण भारत को एक अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने में बड़ा योगदान देगा। गूगल की सार्वजनिक नीति के कंट्री हेड, चेतन कृष्णास्वामी ने इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2017 के मौके पर संवाददाताओं से कहा, “अगर हम स्थानीय भाषा के तत्वों को विकसित करने के लिए इंटरनेट को अनुमति नहीं देते हैं, तो मुझे लगता है कि कहानी पूरी तरह से गड़बड़ हो सकती है। भारत में 40 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से 23.4 करोड़ उपयोगकर्ता स्थानीय भाषा के हैं। 2021 तक इनकी संख्या 53.6 करोड़ तक जाने की संभावना है।”
गूगल भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को देख उत्साहित है।
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इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने ‘तेज’ नामक एप लॉन्च किया था। इसके डिजिटल पेमेंट एप को एंड्रॉयड और आईओएस डिवाइसों पर डाउनलोड किया जा सकता है।
यह एप भारत के लिए बनाया गया है, जो देश में अधिकतर रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले स्मार्टफोन पर काम करेगा और यह अंग्रेजी और सात भारतीय भाषाओं (हिंदी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, तमिल और तेलुगू) में उपलब्ध है।
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कृष्णास्वामी ने कहा, “हमारी धारणा है कि 2025 तक, यह डिजिटल अर्थव्यवस्था 750 अरब से एक खरब के लक्ष्य को छूने में सक्षम होगी, यह पहुंच से बाहर नहीं है। वर्तमान में, डिजिटल अर्थव्यवस्था सकल घरेलू उत्पाद में सात प्रतिशत का योगदान देती है और 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान लगभग 17 फीसदी होना चाहिए।”
गूगल और केपीएमजी भारत की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश में इंटरनेट पर अंग्रेजी भाषा को भारतीय भाषा उपयोगकर्ताओं ने पीछे छोड़ दिया है।