सालों पहले हुई थी धर्मेंद्र के भाई की मौत, हत्यारों का आज तक नहीं चला पता
मुंबई : 80 के दशक में कई स्टार्स का जलवा था, जिन्होंने अपनी एक्टिंग के दम पर लोगों का दिल जीता है. उनमें से एक धर्मेंद्र के कजिन वीरेंद्र सिंह देओल थे, जिन्होंने 80 के दशक में धमाल मचाया था. वीरेंद्र, धर्मेंद्र से भी बड़े स्टार हुआ करते थे. एक्टर होने के साथ-साथ वे राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी थे.
पंजाबी सिनेमा में वीरेंद्र का नाम आज भी लोगों की जुबान पर बसा हुआ है. उस वक्त हर प्रोड्यूसर-डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहता था. लेकिन एक दिन फिल्म के सेट पर ही उनकी हत्या कर दी गई. यह किसी फिल्म की शूटिंग का सीन नहीं था बल्कि वास्तविकता थी.
वीरेंद्र की फिल्म ‘जट ते जमीन’ की शूटिंग करते वक्त हत्या कर दी गई थी. 6 दिसंबर 1988 को अचानक किसी ने गोली मारकर उनकी जान ले ली. वीरेंद्र की हत्या किसने की या करवाई? आज तक इस बात पर संशय बना हुआ है.
यह भी पढ़ें : #BB11: वीकेंड पर अर्शी ने किया सलमान पर वार, लगाया आरोप
40 साल की कम उम्र में ही उनका निधन हो गया था. ऐसा माना जाता है कि वीरेंद्र की शोहरत ही उनकी दुश्मन बन बैठी थी और कुछ उन्हें आतंकियों ने गोली मारी थी.
वीरेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत साल 1975 में फिल्म ‘तेरी मेरी एक जिंदड़ी’ से की थी. इस फिल्म में उनके साथ धर्मेंद्र भी थे. वीरेंद्र की पहली फिल्म ने ही लोगों को अपना दीवाना बना दिया था.
इसके बाद ‘धरम जीत’, ‘कुंवारा मामा’, ‘जट शूरमे’, ‘रांझा मेरा यार’ और ‘वैरी जट’) जैसी 25 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.