धनतेरस का त्यौहार हर वर्ष कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। वहीं इस बार यह त्यौहार 13 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान धनवंतरी, माता लक्ष्मी और लक्ष्मी जी के कोषाध्यक्ष कुबेर भगवान की पूजा का महत्व है। यदि आपने इस दिन इन देवी-देवताओं की खास तरह से विधि पूर्वक पूजा कर ली तो आप पर सक्षात माता लक्ष्मी की कृपा हो जाती है। आज हम आपको उस खास तरीके की पूजा के बारें में बताने जा रहे हैं।

इस विधि से करें पूजन
धनतेरस में धन की देवी व उनके कोषाध्यक्ष की पूजा होती है लेकिन सबसे पहले आपको श्री गणेश की स्तुति करनी चाहिए क्योंकि उन्हें सबसे पहले पूजने से ही आपको आपकी पूजा का फल प्राप्त होता है। फिर उसके बाद ही आप माता लक्ष्मी व कुबेर जी की पूजा करें। पूजा करने से पूर्व आप स्नान ध्यान कर लें साथ ही नए व साफ वस्त्र धारण करें। एक चौंकी पर लाल तूल बिछा माँ लक्ष्मी और कुबेर जी की स्थापना करें। फिर एक गंगाजल से भरा कलश ले लें। इसके साथ ही सुपारी, फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने और अनाज भी रख लें। कलश में आम के पत्ते रखें साथ ही एक कपड़ें में मुठ्ठी भर अनाज बांध कर वहीं रखें। पूजा में आपको विशेष रूप से फूल, फल, चावल, रोली-चंदन, धूप-दीप को प्रयोग में लाना चाहिए।

यह विशेष भोग लगाएं
याद रहे पूजा के बाद यदि आपने विशेष भोग लगाया है तो हि माता लक्ष्मी और कुबेर जी प्रसन्न होंगो। इस लिए आपको उन्हें खुश करने के लिए दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। यदि आप भगवान धनवंतरी की भी विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो आप उन्हें पीले रंग का भोग लगा सकते हैं खास कर जिसमें केसर पड़ा हो। इस भोग से आपको इन देवी-देवताओं की विशेष कृपा मिलती है जिससे आप जल्द धनवान, सुखी, स्वस्थ हो जाते हैं।

धनतेरस शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर वस्तुओं को खरीदने का विशेष महत्व बताया जाता है। इस बार का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की रात 11:30 से 1:07 बजे तक है। वहीं 13 नवंबर को खरीदारी का शुभ मुहूर्त सुबह 5:59 से 10:06 बजे तक, सुबह 11:08 से दोपहर 12:51 बजे तक और दोपहर 3:38 मिनट से शाम 5:00 बजे तक है।
