भावी डॉक्टरों का सीएम के आवास पर प्रदर्शन, कॉलेज पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

देहरादून। सुभारती मेडिकल कॉलेज पर वहीं के मेडिकल छात्रों ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शनिवारी की करीब शाम के समय मुख्यमंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन किया। छात्रों के इस प्रदर्शन में उनके अभिभावकों ने भी हिस्सा लिया तथा छात्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डटे रहे। मेडिकल के छात्रों का कॉलेज प्रशासन पर यह आरोप है कि वह छात्रों से कोरे कागज पर हस्ताक्षर लेकर फीस को बढ़ाने जा रहा है।

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दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन का यह दावा है, कि ऐसा हाईकोर्ट के आदेशानुसार किया जा रहा है। काउंसिलिंग से पहले कॉलेजों की स्टेट कोटे की फीस तय न होने के कारण कॉलेज के छात्र अब मुसीबत में पड़ गए हैं। सरकार द्वारा यदि स्टेट कोटे की फीस में बढ़ोत्तरी की तो छात्रों को बढ़ी हुई फीस देनी होगी। बढ़ती फीस की रकम यदि छात्र देने की स्थिति में नहीं हुए तो उन्हें एक साल की फीस चुका कर दाखिला छोड़ना होगा।

इस बात से अब बवाल भी होने लगा है। असल में गत 21 जुलाई की काउंसिलिंग में जब छात्रों को ये डेढ़ सौ सीटें आवंटित हुईं तो मेडिकल कॉलेजों ने सरकार के साथ फीस निर्धारित न होने की बात पर दाखिला देने से इनकार कर दिया। जिसके चलते कुछ छात्र हाईकोर्ट गये। हाईकोर्ट के दखल के बाद इन कॉलेजों ने छात्रों को दाखिला दिया। इस बीच शासन ने कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों से एक शपथपत्र भरवाया।

जिसमें लिखा था कि फीस बढ़ने पर छात्र किसी तरह का कोई विरोध नहीं करेंगे। वहीं, सुभारती कॉलेज अब छात्रों से शपथ पत्र ले रहा है, क्योंकि उसकी काउंसिलिंग बाद में हुई थी। आरोप है कि, कॉलेज कोरे कागज पर हस्ताक्षर ले रहा है। जब कॉलेज से शिकायत की तो छात्रों को क्लास में न बैठने का फरमान जारी कर दिया। वहीं, सुभारती मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी एके श्रीवास्तव बताते हैं कि केवल हाईकोर्ट के निर्देश के पश्चात् ही शपथपत्र मांगा और भरवाया जा रहा है।

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