
ब्रजेन्द्र सिंह
महोबा। बारात का अरमान पाले दुल्हन इंतजार करती रह गई और दूल्हे ने दहेज़ की मांग पूरी न होने पर बारात लाने से ही मना कर दिया। महोबा की एक दुल्हन का दहेज़ के कारण घर ही नहीं बस पाया और न्याय के लिए परिवार के साथ एसपी की चौखट पर पहुँच गई।
अब कुँआरी दुल्हन न्याय की गुहार लगा रही है। दहेज़ दानवों के रूप ऐसे है कि विवाहिता को तड़पा-तड़पाकर मार देते है या रिश्ता जोड़ने से पहले ही तोड़ देते हैं। मामले में पीड़िता की तहरीर पर आरोपी दुल्हे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
समाज में विकास का बदलाव देखने को मिल रहा है, तो वहीँ कुरीतियों का भी खात्मा हो रहा है। लेकिन दहेज़ रुपी दानव का अंत होते नहीं दिख रहा और न ही दहेज़ की प्रताड़ना पर रोक लग पा रही है।
बुंदेलखंड के महोबा जनपद में तो एक दुल्हन के सारे अरमान ही इस दहेज़ के कारण नासूर बन गए। एक लड़की अपनी शादी को लेकर तरह-तरह के सपने देखती है। लेकिन जब शादी तय होने के बाद मुहूर्त के समय बारात लड़की की दहलीज तक न पहुँचे, तो उस लड़की के दिल पर क्या गुजरेगी। जिसके वर्षों से शादी के सपने एक ही पल में तहस नहस हो जाएं।
दहेज के दंश ने किशोरी का घर बसने से पहले उजाड़ कर उसके सपनो को चकनाचूर कर दिया। महोबा जनपद के खन्ना थाना क़स्बा में में रहने वाले मुन्नालाल अनुरागी ने गरीबी और तंगहाली की हालत में मेहनत मजदूरी कर अपनी बेटी के हाथ पीले करने के लिए सालों पैसा इकठ्ठा किया और अपनी लड़की की खुशी के लिए हैसियत के हिसाब से दहेज की व्यवस्था भी की।
लेकिन आज दहेज की मांग में एक लाख रुपये नगद और बाइक न दिए जाने पर पिता और पुत्री के अरमानों पर पानी फिर गया। 27 जून के दिन पूरा परिवार शादी खुशियों में लगा था। विवाह के लिए निमंत्रण पत्र छपवा कर नाते रिश्तेदारों में बाँट दिए गए थे। आज बारात चौखट पहुंचनी थी मगर दूल्हा बारात लेकर ही नहीं पहुंचा।
दरअसल, गरीब पिता मुन्नालाल ने अपनी पुत्री सुनीता का विवाह के लिए दो वर्ष पूर्व हमीरपुर जनपद के ग्राम स्वासामाफ निवासी रवि कुमार से रिश्ता तय किया था। अपने पारिवारिक जीवन को सही दिशा देने के लिए दोनों फोन पर बातचीत भी करते थे। सब थी ठीक ठाक था। मगर अचानक रवि ने विवाह के ठीक पहले एक बाइक और एक लाख रुपये दहेज़ की मांग कर दी। और न लाने पर बारात न लाने की धमकी दें डाली।
सुनीता और उसकी माँ फूलकली ने रवि को फोन पर ही बहुत समझाया मगर रवि पर तो दहेज़ का ऐसा बहुत सवार था कि दो वर्ष से तय चल रहे रिश्ते को ही ख़त्म करने की बात कह दी।
बारात की तैयारियों को लेकर गरीब पिता का दो लाख रुपये तक का नुकसान हो गया मगर दूल्हा बारात लेकर नहीं आया। ऐसे में दुल्हन अपने साथ घटित घटना को लेकर महोबा एसपी एन। कोलांचि की चौखट पर न्याय की मांग करने पहुँच गई। पीड़ित दुल्हन बताती है कि दहेज़ ने उसके अरमानों को बर्बाद कर दिया। आज मुझे अपमान सहना पड़ा है।
बेटी की शादी के अरमान पाले पिता मुन्नालाल को जब दहेज़ की मांग होने की खबर मिली को सकते में आ गये। समाज में बदनामी के डर से उसने मिन्नतें भी की मगर कोई नतीजा नहीं निकला।
माँग पूरी न होने पर लड़के वालों ने शादी से इनकार कर दिया। बेटी की शादी की तैयारियां काफूर हो गई और पिता अब दहेज़ लोभी दूल्हे के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहा है। दूल्हन की माँ फूलकली बताती है कि सारा दहेज़ ले लिया गया और विवाह के लिए बयाना कर दिया गया।
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लेकिन अचानक 10 दिन पहले विवाह से मना कर दिया और अब दहेज़ की मांग कर दी है जिसे पूरा करने पर बारात नहीं लाने की बात वर पक्ष कह रहा है। बारात न आने से परिवार सदमे में है घर पर सभी उदास है। शादी की खुशियां उदासी में बदल गई है !
वहीँ एसपी की चौखट पर न्याय की आस लेकर पहुंची दुल्हन की शिकायत पर एसपी ने सख्ती दिखाई है और मामले में सीओ सिटी को तत्काल कार्यवाही के लिए कहा है। पूरे घटना क्रम को लेकर सीओ सिटी जीतेन्द्र दुबे बताते है कि दहेज़ के विवाद में बारात न लाने की शिकायत मिली है, जिसपर आरोपी दूल्हे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बहरहाल भले ही पुलिस ने आरोपी दूल्हे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया हो मगर एक दुल्हन के अरमानों पर दहेज़ के कारण जो बीती है। उसे कोई नहीं बदल सकता।
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दहेज़ मुक्त समाज बनाने के लिए न केवल जागरूकता की जरुरत है। बल्कि दहेज़ मुक्त शादी की परम्परा शुरू करने की भी जरुरत है। ताकि कोई दुल्हन दहेज़ के कारण घुट-घुट कर जीवन न जिए।
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