
दिल्ली हाईकोर्ट ने 2022 में उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक लगा दी है। इस फैसले के खिलाफ फिल्म के निर्माता अमित जानी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की घोषणा की है।

अमित जानी का बयान
अमित जानी ने कहा, “हमने याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल को फिल्म दिखाई थी, लेकिन उन्होंने फीस लेने के कारण इसका विरोध किया। हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी है। हम इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को केंद्र सरकार से संपर्क करने को कहा है, जो सात दिनों में फिल्म की सत्यता पर फैसला देगी।”
जानी ने यह भी कहा कि कन्हैया लाल की हत्या तीन साल पहले कैमरे के सामने हुई थी, लेकिन अभी तक उस मामले में कोई फैसला नहीं आया, जबकि उनकी कहानी दिखाने वाली फिल्म पर तीन दिनों में रोक लगा दी गई।
रिलीज पर रोक का कारण
हाईकोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद और पत्रकार प्रशांत टंडन की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह अंतरिम आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि फिल्म सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा सकती है और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा पैदा कर सकती है, खासकर कई राज्यों में आगामी चुनावों के मद्देनजर।
जमीयत ने तर्क दिया कि फिल्म का ट्रेलर नूपुर शर्मा के विवादित बयानों को दोहराता है, जिन्होंने 2022 में सांप्रदायिक अशांति और कन्हैया लाल की हत्या को भड़काया था। ट्रेलर में देवबंद को कट्टरपंथ का केंद्र और ज्ञानवापी मस्जिद जैसे संवेदनशील मुद्दों का जिक्र भी आपत्तिजनक बताया गया।
हाईकोर्ट का आदेश
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार जमीयत की संशोधन याचिका पर फैसला नहीं लेती, तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक रहेगी। याचिकाकर्ताओं को दो दिनों में केंद्र सरकार से संपर्क करने को कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई को कन्हैया लाल हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था, जिसमें उन्होंने फिल्म की रिलीज को निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन बताया था। कोर्ट ने कहा, “फिल्म रिलीज होने दें,” और याचिका को ग्रीष्म अवकाश के बाद नियमित पीठ के सामने उठाने को कहा। 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उसने कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया, केवल तत्काल सुनवाई से इनकार किया था।
कन्हैया लाल हत्याकांड
जून 2022 में उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल की दो लोगों, मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी, क्योंकि उन्होंने नूपुर शर्मा के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा की थी। हमलावरों ने हत्या का वीडियो बनाकर जिम्मेदारी ली, जिससे देशभर में आक्रोश फैल गया। मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है, और जयपुर की विशेष NIA अदालत में मुकदमा चल रहा है।
फिल्म और विवाद
‘उदयपुर फाइल्स’ का निर्देशन भारत एस. श्रीनाते ने किया है, और इसमें विजय राज, रजनीश दुग्गल, प्रीति झंगियानी, कमलेश सावंत, कांची सिंह और मुश्ताक खान जैसे कलाकार हैं। सीबीएफसी ने फिल्म को 55 कटौतियों के बाद प्रमाणन दिया था, दावा करते हुए कि आपत्तिजनक हिस्सों को हटा दिया गया है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि फिल्म एक समुदाय को निशाना बनाती है और सांप्रदायिक हिंसा को भड़का सकती है।
कन्हैया लाल के बेटे का दर्द
कन्हैया लाल के बेटे यश साहू ने कहा कि तीन साल बाद भी हत्यारों को सजा नहीं मिली, लेकिन उनके पिता की कहानी दिखाने वाली फिल्म पर तीन दिनों में रोक लगा दी गई।