नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने रविवार को कहा कि न्यनूतम मजदूरी के संबंध में जारी अधिसूचना को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर देने के बाद वह आगे के कदम के लिए कानूनी सलाह ले रही है। अदालत के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए दिल्ली के श्रममंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार आदेश का अध्ययन कर रही है और सभी श्रेणियों के कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि को लागू करने के संबंध में निष्कर्ष निकाला जाएगा।
राय ने कहा, “सरकार के सामने उपलब्ध कानूनी उपायों समेत आगे के कदम पर फैसला लेने के लिए मैंने सोमवार को श्रम विभाग की बैठक बुलाई।”
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल सभी अनुसूचित रोजगारों में कामगारों के सभी वर्गो के लिए न्यनूतम मजदूरी का पुनरीक्षण करने से संबंधित दिल्ली सरकार की दो अधिसूचनाओं को ‘पूरी तरह त्रुटिपूर्ण’ बताते हुए शनिवार को निरस्त कर दिया।
यह भी पढ़ेंः इमरान के शपथ ग्रहण में हो सकता है बदलाव, अब 11 नहीं 14 अगस्त को लेंगे शपथ
दिल्ली सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी पर सलाहकार समिति का गठन करने की अधिसूचना को खारिज करते हुए उच्च न्यायाल की पीठ ने कहा, “समिति का गठन पूरी तरह दोषपूर्ण है और इसकी सलाह उचित तथ्यों पर आधारित नहीं है।”
पीठ ने कहा, “ऐसी सलाह पर आधारित सरकार के फैसले से वैधानिक प्रावधान और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है। इसमें नियोक्ताओं और कर्मचारियों के न्यायोचित प्रतिनिधित्व का उल्लंघन किया गया है। दरअसल, प्रासंगिक तथ्य और सूचना प्राप्त करने की कोशिश किए बिना यह फैसला लिया गया है।”