अस्पताल की लापरवाहियों पर परदा डालती मंत्री, ठहराया मरीजों को दोषी

रिपोर्ट- अक्षय शर्मा

बहराइच। वैसे तो हर मौके पर योगी सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावे करते नहीं थक रही लेकिन बहराइच से आ रही ये खबर सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है बहराइच जिले में स्वास्थ्य सेवाएं लगता है ध्वस्त हो चुकी है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के योगी सरकार के दावे फेल होते नज़र आ रहे है आंकड़ों की माने तो यहाँ पिछले 45 दिन में 70 मासूम बच्चों की मौतों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है, हर रोज़ कितनी ही माओं की गोद सूनी हो रही हैं, सरकारी अस्पताल में कहीं मासूम बच्चों का गन्दी ज़मीन पर इलाज तो कही शवो को हाथो में उठा कर ले जाते परिजन। इन सब पर अस्पताल प्रशासन के पास संसाधनों की कमी का रोना रोने के सिवा कुछ नही है। योगी जी के मंत्री भी अस्पताल प्रशासन की हां में हां मिलाते हुए रटा रटाया बयान देते हुए स्वास्थ्य विभाग की नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश करती नज़र आ रही है।

अस्पताल

कही फर्श पर पड़ा मासूम इलाज करवाता हुआ तो कही गंदगी के पास बच्चे को लिए माँ पड़ी है तो कोई बच्चा स्ट्रेचर पर बीमारी से जूझ रहा है। कोई बाप अपने कलेजे के टुकड़े की लाश ले जाते दिख रहा है तो बगल में चलती हुई माँ के गोद सुनी होने के ग़म से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं रोटी बिलखती माँ अपने बच्चे को खोने देने के दर्द के साथ जाती नज़र आ रही है।

आंकड़ों की बात करें तो बीते 45 दिनों में यहाँ 70 माओं की गोद सूनी हो चुकी है 70 मासूम ज़िंदगियाँ मौत के उस काले अँधेरे में कही खो सी गई है जहाँ से वो वापस आकर अपनी माँ के कलेजे से अब कभी नहीं लग पाएंगी। ऐसे में सवाल उठता है की मौतों का ये भयानक आंकड़ा आखिर क्यों, जिम्मेदारों की मानें तो इस अस्पताल में रोज़ बड़ी संख्या में मरीज़ आते हैं ऐसे में कई माँ बाप काफी सीरियस हालत में अपने बच्चे को यहाँ लाते हैं जिन्हें बचा पाना मुश्किल हो जाता है जब हमने जब बाल रोग विशेषज्ञ डॉ के के वर्मा से जानना चाहा तो उनका कहना है कि अगस्त माह में बारह सौ पचास बच्चो भर्ती किया गया। जिसमे से 65 को वो बचाने में नाकाम रहे ज़मीन पर होते इलाज की बात पर डॉ साहब संसाधनों की  कमी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं ।

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चिल्ड्रेन वार्ड में बढ़ते बच्चों की मौतों के आंकड़े पर हमने जब सूबे की बेसिक शिक्षा मंत्री से सवाल किया तो उनका जवाब भी स्वास्थ्य विभाग से ज़्यादा अलग नहीं था। उन्होंने भी बच्चों को देर से लाये जाने की बात कही संसाधनों की कमी पर मंत्री जी ने जल्द ही व्यवस्था कराने की बात कही और लापरवाह स्वास्थ्य विभाग की नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश करने लगी.अब मंत्री जी ये बताइये की आखिर अभी तक विभाग ने बेडों का इंतज़ाम क्यों नहीं करवाया क्या वजह थी की जगह होने के बावजूद बच्चों का इलाज इस तरह गन्दी फर्श पर किया जा रहा हैं।

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