
कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों एवं शोधकरताओं के शोध लगातार जारी है और रोज कुछ ना कुछ कोरोना को लेकर नया सुनने को मिलता है। कोरोना के रहस्यों पर खुलासों का सिलसिला अभी भी जारी है। आपको बतादें कि शोधकरताओं नें अपने शोध में यह पाया है कि ‘ओ ब्लड ग्रुप’ वाले लोगों पर कोरोना का असर उतना नही हो रहा है जितना कि और सभी ब्लड ग्रुप वालों पर हो रहा है। अगर इस ब्लड ग्रुप के लोग बिमार भी पड़ते हा तो इनके गंभीर परिणामों की आशंका भी बेहद कम होती है। आपको बतादें कि एक जानी-मानी पत्रीका ब्लड एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन में यह दावा किया गया है कि ओ ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति कोरोना की चपेट में बहुत कम आते है।

शोध का ठोस आधार: अध्ययन करता एवं यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न डेनमार्क के टोर्बन बैरंगटन का कहना है कि उनके देश की स्थिती और सभी देशो से अलग है। इनके देश की आबादी कम होने के कारण ये देश के समूहों का अच्छी तरीके से नियंत्रण कर सकते है। साथ ही इनका कहना है कि हमारे देश की नियंत्रित आबादी, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवांए एंव शोध के आकड़ों के माध्यम से हमारे शोध को मजबूती मिलती है।

ए व एबी ग्रुप वाले दें ध्यान: जल्द हुए शोध के मुताबिक यह पता चला है कि इन ब्लड ग्रुप वाले लोगों को सांस लेने की शिकायत ज्यादा होती है साथ ही इनके संक्रमित होने के दौरान फेफड़ों को अधिक क्षति पहुचती है। आपको बताते चलें कि इन दोनों ब्लड ग्रुप वालों की किडनी भी खराब हो सकती है जिसके कारण इन्हें डायलिसिस की भी जरूरत पड़ सकती है।