विजयदशमी के दिन रावण की पूजा और 10,000 दलितों के धर्म परिवर्तन का कनेक्शन

रिपोर्ट- सुरेंद्र शर्मा

कानपुर देहात। जहां राम दशमी पर पूरे देश में रावण का पुतला दहन किया गया। वहीं कानपुर देहात जिले के पुखरायां कस्बा में दलित हिन्दू समाज के लोगों ने एकत्र होकर पहले रावण की पूजा की और फिर पूरे कस्बे में जुलूस निकाला और करीब दस हजार लोगों ने धर्म परिवर्तन किया। वही सिर मुंडवा कर धर्म परिवर्तन किया।

बौद्ध धर्म

वहीं राष्ट्रीय दलित पैंथर के प्रदेश अध्यक्ष धनीराम पैंथर ने बताया कि हम सम्राट अशोक विजयदशमी  के दिन ही बौद्ध धर्म अपनाया है ओर डॉ भीम राव अम्बेडकर ने भी विजयादशमी के दिन हुई 5 लाख नारियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी।

उन्होंने कहा कि रावण नहीं तथागत है, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का मकान खाली होता है तो उसे गोमूत्र से शुद्ध किया जाता है जिससे साफ जाहिर है कि अभी भी पूरी तरह से छुआछूत और भेदभाव का बोलबाला है।

उन्होंने कहा जब तक हिंदू धर्म रहेगा तब तक दलित असाय और कमजोर वर्ग के लोगों पर जाति के नाम पर उत्पीड़न होता रहेगा। और जिस से आहत होकर वह हिंदू धर्म का त्याग कर 10000 लोग कानपुर देहात के पुखराया में बौद्ध धर्म अपनाएंगे।

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वही मंच पर खड़े होकर राष्ट्रीय दलित पैंथर ने योगी और मोदी को चुनौती देते हुए धर्म परिवर्तन का एलान भी  किया।

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