मणिपुर हिंसा पर अमित शाह की सर्वदलीय बैठक के आह्वान पर कांग्रेस की दो टूक, दिया ये बयान

कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को यह तर्क देते हुए खारिज कर दिया है कि प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति से यह बैठक निरर्थक हो गई है।

मणिपुर में हालात अस्थिर हैं। सरकार की तरफ से की गई सारी कोशिशे अब तक नाकाम नज़र आई हैं। हिंसा प्रभावित मणिपुर में गृह मंत्री अमित शाह का दौरा कोई खास असर नहीं दिखा सका। बढ़ती हिंसा चिंता का विषय है। अशांति के बीच गृह मंत्री ने स्थिरता लाने के लिए एक सर्वदलीय बैठक का आवाहन किया है। कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को यह तर्क देते हुए खारिज कर दिया है कि प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति से यह बैठक निरर्थक हो गई है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”मणिपुर 50 दिनों से जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे। सर्वदलीय बैठक तब बुलाई गई है जब प्रधानमंत्री देश में नहीं हैं. यह स्पष्ट है, यह बैठक प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं है।”

जयराम रमेश ने कहा: “प्रधानमंत्री चुप रहे। इतना ही नहीं, उन्होंने मणिपुर के विधायकों, राजनीतिक दलों और अपनी ही पार्टी के सहयोगियों से मिलने से इनकार कर दिया। जब प्रधानमंत्री ही नहीं होंगे तो सर्वदलीय बैठक का क्या फायदा? जब मणिपुर को शांति और सुलह की जरूरत है तो दिल्ली में बैठक करने का क्या फायदा? प्रधानमंत्री द्वारा कर्तव्य में लापरवाही समझ से परे है।

डबल इंजन सरकार पर कांग्रेस हमलावर

जयराम रमेश ने कहा: “यह तथाकथित डबल इंजन सरकार की भारी विफलता है । यह केंद्र और राज्य सरकार दोनों की विफलता है. प्रधानमंत्री यह दिखाने के लिए कि हमें परवाह है। हमें उम्मीद है कि कहीं न कहीं वह अपनी चुप्पी तोड़ने का फैसला करेंगे। महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर वह चुप रहते हैं, जबकि वह दुनिया की हर चीज़ पर ज्ञान देते हैं।’

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