पंजाब के विवादास्पद कैबिनेट मंत्री का इस्तीफा कांग्रेस ने किया मंजूर
चंडीगढ़। कई दिनों तक चली जद्दोजहद के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को पंजाब के विवादास्पद कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। राणा पर धन शोधन और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की और राणा गुरजीत के इस्तीफे को स्वीकार किए जाने की पुष्टि की।
घटनाक्रम से नाखुश दिखाई दिए अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया को बताया, “उनका इस्तीफा स्वीकार (कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा) कर लिया गया है।”
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पंजाब सरकार के सूत्रों ने कहा कि इस्तीफे को मुख्यमंत्री कार्यालय से पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनोर के पास भेजा जाएगा।
पंजाब के प्रभावशाली नेताओं में से एक और अमरिंदर सिंह के करीबी कहे जाने वाले राणा गुरजीत सिंचाई और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे।
राणा गुरजीत ने अपना इस्तीफा 10 दिन पहले दे दिया था, लेकिन अमरिंदर सिंह ने इसे स्वीकार नहीं किया था।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पार्टी हाईकमान इस बात पर अटल था कि राणा गुरजीत को जाना ही होगा।
राणा गुरजीत पिछले कुछ महीनों से विवादों में घिरे थे। दरअसल, 10 महीने पुरानी अमरिंदर सिंह सरकार में उनके ऊपर कई करोड़ के रेत खनन नीलामी मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
राणा गुरजीत और उनकी कंपनी से जुड़े कई लोगों ने पिछले साल मई में कई करोड़ रुपयों के रेत खनन ठेके हासिल किए थे। उनमें से एक राणा गुरजीत का पूर्व रसोइया भी था। आरोप लगा कि ये लोग मंत्री और उनकी कंपनियों के लिए सिर्फ मुखौटे के रूप में कार्य करते थे और रेत खनन के ठेके बेनामी तरीके से दिए गए।
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न्यायमूर्ति जे.एस. नारंग की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय आयोग ने रेत खनन नीलामी विवाद में राणा गुरजीत को क्लीन चिट दे दी थी।
अरबपति मंत्री का शराब और चीनी उत्पादन का मुख्य व्यवसाय है। मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार विवादों के बावजूद उनका बचाव करते हुए नजर आए थे।
राणा गुरजीत के बेटे इंद्र प्रताप सिंह से प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को जालंधर में भारतीय रिजर्व बैंक से बिना मंजूरी लिए विदेशों से 100 करोड़ रुपये इकठ्ठा करने के आरोपों को लेकर पूछताछ की थी।
विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शियद) राणा गुरजीत पर भ्रष्टाचार के आरोपों और हितों के टकराव को लेकर इस्तीफे की मांग कर रहे थे।
आप नेता और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने गुरुवार को राणा गुरजीत के इस्तीफे का स्वागत किया।
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