महिला सुरक्षा को लेकर आयोग हुआ सख्त, बनाई नई नीति

महिला सेफ्टीदेहरादून। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने जो भी वादें किए थे उन्हें पूरा करने के लिए अब सरकार ने कमर कस ली है। उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा के तहत महिला आयोग एक अच्छी नीति बना रहा है। इस नीति के तहत महिलाओं की सेफ्टी, स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी। शनिवार को उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा की अध्यक्षता में उत्तराखंड महिला नीति एक अच्छी पहल पर आयोजित बैठक में जानकारी दी गई।

अब छात्राएं रहेंगी सुरक्षित

एमकेपी पीजी कालेज की प्राचार्य डा. इन्दु सिंह ने कहा कि तमाम ऐसे शहर हैं जहां छात्राएं किराए का कमरा लेकर रहने के लिए मजबूर हैं। जो सुरक्षा के खिलाफ है। यदि सरकार इन छात्राओं के लिए सरकारी छात्रवास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करें, तो छात्राएं सुरक्षा महसूस करेंगी और साथ ही बेहतर माहौल में रहेंगी। छात्राओं के बेहतर सेफ्टी के लिए प्राइवेट हॉस्टलों के रजिस्ट्रेशन का भी सुझाव दिया।

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बैठक में कुछ महिलाओं ने अपनी बात रखते हुए स्कूलों में सीसीटीवी लगाने की बात कही और महिला सिक्योरिटी गार्ड रखने के सुझाव दिए साथ ही यौन हिंसा से बचने के लिए विशाखा कमेटी का गठन किए जाने की भी बात कही।

अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने बताया कि महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत 18 बिन्दुओं पर चर्चा की गई है। आयोग इस पर ड्राफ्ट बनाकर सरकार को भेजेगा। आयोग की इस बैठक में सचिव रमिन्द्री मन्द्रवाल, सदस्य रेखा बहुगुणा, पूर्व अध्यक्ष सुशीला बहुगुणा, कमला पंत, पुष्पा मानस, गीता गैरोला, इंदु नौडियाल, हीरा जलपांगी आदि मौजूद रहीं।

स्कूल का मामला उठाया

महिलाओं ने इस बैठक में गुरुग्राम के रेयान स्कूल में हुई छात्र की हत्या का मामला भी उठाया। कहा कि अभिभावक इस घटना के बाद काफी डरे हुए हैं। उत्तराखंड के स्कूलों में भी सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जरूरी है कि स्कूलों के भीतर सुरक्षा का माहौल बनाया जाए। जिससे अभिभावकों के साथ छात्र-छात्रएं खुद को सुरक्षित महसूस करें।

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