
उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदा नगर में बुधवार रात बादल फटने से भयानक तबाही मच गई। कुंटरी लगाफाली वार्ड में मलबे के प्रवाह से 6 घर ध्वस्त हो गए, और कम से कम 10 लोग लापता बताए जा रहे हैं। दो लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन खराब मौसम के कारण बचाव कार्य बाधित हो रहा है।
जिला प्रशासन ने राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया है, जिसमें SDRF, NDRF और मेडिकल टीम शामिल हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 20 सितंबर तक चमोली समेत कई जिलों में भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है।
घटना बुधवार रात करीब 2:30 बजे नंदा नगर घाट क्षेत्र में हुई। अचानक भारी वर्षा से मलबा बहने लगा, जिससे कुंटरी लगाफाली वार्ड में 6 घर मलबे में दब गए। चमोली जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने कहा, “नंदा नगर घाट में बादल फटने से भारी तबाही हुई। 6 घर मलबे में दब गए, 10 लोग लापता हैं। 2 को बचाया गया है। बचाव कार्य जारी है।” धुरमा गांव में भी मोकशा नदी की बाढ़ से 6 घर क्षतिग्रस्त हुए। स्थानीय लोगों के अनुसार, कई लोग अभी भी घरों में फंसे हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर नजर रखी और कहा, “ईश्वर से सभी की रक्षा की प्रार्थना करता हूं।” जिला प्रशासन ने मलबे से बचाव के लिए मेडिकल टीम और 3 एम्बुलेंस भेजी हैं। NDRF और SDRF टीमें मौके पर हैं, लेकिन भारी बारिश से कार्य बाधित है। चमोली के अलावा देहरादून, चंपावत, ऊधम सिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल और पिथौरागढ़ में भी रेड अलर्ट है। IMD ने चेतावनी दी कि 20 सितंबर तक भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बना रहेगा।
यह घटना पिछले हफ्ते देहरादून के साहस्रधारा बादल फटने के बाद हुई, जहां 13 मौतें हुई थीं। उत्तराखंड में मानसून से अब तक 50 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।