Christmas 2021: क्या ईसा मसीह के जन्म के लिए स्वर्ग से आया था संदेश, पढ़े उनके जन्म की कहानी

क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। प्रभु यीशु या ईसा मसीह (Jesus Christ) के जन्म दिवस के अवसर पर इस त्योहार को मनाया जाता हैं। ​क्रिसमस के दिन देश और दुनियाभर के चर्च (Church) में विशेष प्रार्थना की जाती है। दुनियाभर में फैले ईसाई समुदाय के लोग एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं। बेहतर भविष्य की कामना करते हैं। इस क्रिसमस के अवसर पर हम आपको प्रभु यीशु के जन्म की कथा के बारे में बताने जा रहे हैं। प्रभु यीशु के जन्म के बारे में कई कहानियां हैं। आइए जानते हैं कि प्रभु यीशु का जन्म कब और कैसे हुआ था?

बताया जाता है कि प्रभु यीशु के जन्म से पूर्व ईश्वर ने स्वर्ग से अपने दूत ग्रैबियल को एक लड़की मरियम के पास भेजा था।  उस दूत ने बताया था कि वह ईश्वर पुत्र की माता बनने वाली हैं। यह सुनकर मरियम आश्चर्य में पड़ गईं। मरियम गलीलीया प्रांत के नाजरथ गांव की रहने वाली थीं। तब नाजरथ रोमन साम्राज्य का हिस्सा था। उनकी सगाई दाऊद के राजवंशी युसुफ नामक व्यक्ति से हुई थी, जो पेशे से एक बढ़ई थे।

ईश्वर की कृपा से मरियम विवाह पूर्व ही गर्भवती हो गई। जब इस बात का पता युसुफ को हुआ तो वे दुविधा में पड़ गए।  लेकिन बताया जाता है कि ईश्वर के संकेत पाने के बाद युसुफ ने मरियम से विवाह कर लिया और वे दोनों बेथलेहम में रहने लगे। वहीं पर प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ। प्रभु यीशु के जन्म के बारे में यह भी कहा जाता है कि मरियम जब गर्भवती थीं, तब रोम के सम्राट आगस्टस ने जनगणना का आदेश दिया था। उसके लिए सभी नागरिकों को बेथलेहम जाकर जनगणना में शामिल होना था। तब मरियम और युसुफ भी नाजरथ से बेथलेहम पहुंचे। उनको वहां पर कहीं रहने की जगह नहीं मिल रही थी, तब उन दोनों ने एक अस्तबल में शरण ली। वहां पर देर रात में प्रभु यीशु का जन्म हुआ। तब वहां पर एक देवदूत प्रकट हुए और उन्होंने कुछ गडरिये से प्रभु यीशु के जन्म की सूचना दी। इसके बाद वे लोग वहां पहुंचे और प्रभु यीशु के लिए प्रार्थना की और उनको अपना मसीहा मान लिया।

ईसा मसीह के जन्म के बारे में यह भी कहा जाता है कि बेथलेहम के राजा ने दो साल से कम उम्र के बच्चों को मारने का आदेश दे दिया था, तब मरियम और युसुफ वहां से मिस्र में जाकर रहने लगे थे। कुछ समय के बाद वे फिर नाजरथ में बस गए। हालांकि सभी कहानियों में माना जाता है कि ईसा मसीह या प्रभु यीशु का जन्म बेथलेहम हुआ था। कुछ कहानियों में मरिमय को मैरी और युसुफ को जोसेफ भी कहते हैं।

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