संतान के सुख से है वंछित, तो अपनाए ये पांच उपाय

संतान के सुखनई दिल्ली। जिस आंगन में बाल-गोपाल की किलकारी न गूंजे,तो वो आंगन सूना हो जाता है। संतान सूख के बिना ग्रहस्त आश्रम पूरा नहीं होता। तो चलिए आज हम आपको बताएंगे संतान पाने के पांच टोटके-

-संतान प्राप्ति की इच्छुक महिला प्रतिदिन स्नानादि से निवृत होकर एक माह तक श्री गणपति की मूर्ति पर बिल्ब फल चढ़ाए। इसके बाद 11 माला इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करे – “ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नम:।

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इस उपाय को कम से कम 45 दिनों तक प्रतिदिन करने से फल प्राप्ति होती है। ध्यान रहे कि यह साधना बीच में खंडित नहीं होनी चाहिए। लगातार 45 दिनों तक सच्चे मन से मंत्र का जाप करना फलदायी बनता है।

– यदि कन्या के बाद पुत्र की कामना हो तो ये प्रयोग करें – उत्पन्न हुई कन्या का विधिवत पूजन करें। उसे नमस्कार करें और बन्धु–बांधवों को खीर एवं जलेबी का भोजन कराएं। यह उपाय पुत्र प्राति के योग बनाता है।

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-अगला उपाय पीपल के वृक्ष से जुड़ा है। यह उपाय पति-पत्नी दोनों द्वारा किया जाएगा। इसके लिए पति-पत्नी पीपल का वृक्ष जिस शमी के उपर उग रहा हो, उस वृक्ष के नीचे जाकर अपनी मनोकामना प्रकट करते हुए वृक्ष का स्पर्श एवं प्रणाम कर संकल्प करें।

यहाँ यह संकल्प करें कि “गर्भाधान होने तथा उसके पश्चात जब पुत्ररत्न की प्राप्ति होगी, तब ‘मुंडन-संस्कार यहीं पर आक की छाया में बैठकर कराएंगे।“ इस संकल्प को पूर्ण करने वाले दंपत्ति को अवश्य ही पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। नि:संतान भी इस उपाय को करें तो फल मिलता है।

-अनुसार नि:संतान महिला को पुष्य नक्षत्र में असगन्ध की जड़ को उखाड़कर गाय के दूध के साथ सिल पर पीसकर पीना है। ऋतुकाल के उपरांत शुद्ध होने पर इस दूश को पीते रहने से स्त्री को पुत्र की प्राप्ति होती है।

-अंतिम उपाय: पलाश (टेशू) के पांच कोमल पत्ते किसी स्त्री के दूध में पीसे और जो बांझ स्त्री मासिक धर्म के चौथे दिन स्नान करके उसे खा लेगी, वह निश्चित ही माता बनने का सौभाग्य प्राप्त करती है।

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