
मैं बहुत से कारणों से दुखी था इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। ये अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के आखिरी शब्द हैं जो उन्होंने अपने 6 पन्नों के सुसाइट नोट लिखे हैं। महंत नरेंद्र गिरी ने सोमवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महंत नरेंद्र गिरी का शव अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में मिला। घटनास्थल से 6 पन्नों का सुसाइट नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें उन्होंने लिखा है, मैं बहुत से कारणों से दुखी था इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।

वहीं इस मामले में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत एफआईआर दर्ज़ की गई है। ये एफआईआर एक अन्य शिष्य अमर गिरी पवन महाराज द्वारा दर्ज़ कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज़ की गई है।
पुलिस के मुताबिक, इस सुसाइड नोट में मठ और अखाड़े के उत्तराधिकारियों के नाम लिखे गए हैं। सबसे खास बात यह है कि इसमें कभी महंत के बेहद करीबी रहे आनंद गिरि के अलावा लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी के नाम का भी जिक्र है। साथ ही इसमें अपमान करने की बात भी लिखी। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मंहत नरेंद्र गिरी किन-किन बातों से आहत थे। जिससे उन्हें आत्महत्या का रास्ता चुनना पड़ा। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि उन्होंने पूरा जीवन सम्मान के साथ जिया है। आगे लिखा है कि उनके दामन में कभी किसी तरह का दाग नहीं रहा। लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें मिथ्या आरोप लगाकर अपमानित किया। जिससे वह बेहद दुखी हैं।
वहीं, इस छह पन्ने के सुसाइड नोट के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका जवाब किसी के पास नहीं है। वहीं, मंहत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद सबसे ज्यादा अगर कोई सवालों के घेरे में है तो वह है उनके करीबी शिष्य रहे आनंद गिरि और बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य ख्पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी।
बता दें कि कुछ समय पहले जब आनंद गिरि को अखाड़े से निष्कासित किया गया था तो इसका एक वीडियो भी सामने आया था। जिसमें अखाड़े व मठ की संपत्तियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए थे। वहीं, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के कई शिष्यों के पास करोड़ों की संपत्ति होने से संबंधित तस्वीरें भी वायरल हुई थीं। आरोप लगा था कि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की छवि को खराब करने के लिए ऐसी साजिशन रची गई। जिसका खुद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने खंडन करते हुए कहा था कि यह सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
इसके बाद नाम आता है बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य ख्पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी का। जिससे महंत नरेंद्र गिरी आहत थे। खबरों की माने तो महंत से आद्या तिवारी का लेनदेन का कुछ मामला था, जिसे लेकर पिछले कुछ समय से उनके बीच मनमुटाव हुआ था। हालांकि हिरासत में लिए जाने के दौरान आद्या तिवारी ने इन बातों का खंडन किया और साफ कहा कि उनका अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से किसी तरह का विवाद नहीं था।