‘मेहरम’ पर भड़की कांग्रेस, कहा- हज में सऊदी सरकार का बदलाव, क्रेडिट ले रहे पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे खंडन करते हुए कांग्रेस ने सरासर गलत ठहराया, जिसमें इस बात का दावा किया गया था कि सरकार ने मेहरम का नियम खत्म कर दिया है। बता दें मेहरम नियम के अंतर्गत हज यात्रा के लिए महिलाओं के साथ किसी पुरुष का साथ होना जरुरी बताया जाता है। कांग्रेस का कहना है कि इस मामले से पीएम मोदी का कोई भी लेना देना नहीं है।
कांग्रेस के मुताबिक़ इस नियम में बदलाव सऊदी अरब की ओर से किया गया है। लेकिन इस बात का क्रेडिट लेकर पीएम मोदी अपने समर्थकों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
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बता दें पीएम मोदी ने मन की बात प्रोग्राम में कहा था कि अगर कोई मुस्लिम महिला, हज-यात्रा के लिए जाना चाहती थी तो वह मेहरम या अपने पुरुष अभिभावक के बिना नहीं जा सकती थी।
दशकों से मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा था, लेकिन कोई चर्चा ही नहीं थी। यहां तक कि कई इस्लामिक देशों में भी यह नियम नहीं है, लेकिन भारत में मुस्लिम महिलाओं को यह हक हासिल नहीं था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में उनकी सरकार ने जरूरी कदम उठाए और 70 साल से चल रही इस परंपरा को खत्म कर दिया।
अब मुस्लिम महिलाएं, मेहरम के बिना हज के लिए जा सकती हैं और लगभग 1300 महिलाएं मेहरम के बिना हज जाने के लिए एप्लाई कर चुकी हैं।
मोदी ने कहा था कि आमतौर पर हज-यात्रियों के लिए लॉटरी सिस्टम है, लेकिन उन्होंने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से अकेली महिलाओं को इस प्रॉसेस से बाहर रखने को कहा है और उन्हें स्पेशल कैटेगरी में रखकर प्रायोरिटी देने को कहा है।
खबरों के मुताबिक़ कांग्रेस के सीनियर लीडर शकील अहमद ने कहा कि मोदी ने रविवार को मन की बात प्रोग्राम में दावा किया था कि हज पर मुस्लिम महिलाओं को अकेले भेजने के लिए नियम में उन्होंने बदलाव किया है।
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उन्होंने कहा कि मोदी यह क्रेडिट लेकर अपने सपोर्टर्स को गुमराह कर रहे हैं। जबकि यह काम सऊदी अरब सरकार ने किया है।
मोदी सरकार के आने से पहले भी भारतीय महिलाएं देश के बाहर या भीतर अकेले आने-जाने के लिए आजाद रही हैं।
उन्होंने कहा कि हज के नियमों का पालन नहीं किया जाएगा तो सऊदी अरब से उन्हें यात्रा का वीजा ही नहीं मिलेगा।
इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल हामिद अजहरी ने कहा था कि मुस्लिम महिला का मेहराम के बिना हज जाना पूरी तरह से धार्मिक मसला है। ये ऐसा मुद्दा नहीं है जिसे आप संसद में पारित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “99 फीसदी महिलाएं और मुस्लिम अपने धर्म को धार्मिक अधिकारियों के कहे मुताबिक मानते हैं न कि पीएम या कोई और के कहे मुताबिक।”
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