गोवा में दिखा ‘चाणक्य’ का जोर, 2 कांग्रेस विधायकों ने ओढ़ा भगवा चोला

पणजी। गोवा से सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए कांग्रेस के दो विधायकों ने मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के तुरंत बाद विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले गोवा के कांग्रेस नेता चेल्लाकुमार ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने उसके दो विधायकों पूर्व मंत्री सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते को अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए तैयार कर लिया है।

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विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय की ओर से कहा गया कि सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते ने फैक्स के जरिए अपना इस्तीफा अध्यक्ष प्रमोद सावंत को भेजा।

कांग्रेस के गोवा के प्रभारी सचिव चेल्लाकुमार ने यह भी कहा था कि दोनों विधायकों को शाह ने धमकाया है और गोवा की भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए राजी किया है जो खुद अस्वस्थ चल रहे मनोहर पर्रिकर की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर निगाह बनाए हुए हैं।

उन्होंने कहा, “मुझे एक संदेश मिला है कि विश्वजीत राणे वह व्यक्ति हैं जिन्होंने उन्हें (दोनों विधायकों को) राजी किया और दिल्ली लेकर गए। उन्होंने भाजपा हाईकमान के साथ यह सौदेबाजी की कि अगर वह दो कांग्रेस विधायकों को भाजपा में शामिल करवा ले जाते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए।”

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उन्होंने कहा कि धनबल और सरकारी मशीनरी के बल पर उन्होंने दोनों विधायकों को ले लिया।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा की लगातार धमकियों के कारण कांग्रेस विधायक डर के साये में थे।

वहीं, राणे ने कहा कि चेल्लाकुमार के बयान उनकी निराशा को दर्शा रहे हैं।

इन दोनों विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस अब राज्य में सबसे बड़ी पार्टी नहीं रह गई है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों के राज्य में 14-14 विधायक हैं। भाजपानीत गठबंधन सरकार को गोवा फारवर्ड, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन-तीन विधायकों, तीन निर्दलीय विधायकों और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक विधायक का समर्थन हासिल है।

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