सीबीआई ने उड़ीसा हाईकोर्ट के सेवानविृत्त न्यायाधीश को किया गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरोनई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उड़ीसा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आई.एम. कुद्दुसी को गिरफ्तार किया है। उन पर सरकार द्वारा मेडिकल छात्रों के दाखिले पर रोक के बावजूद उत्तर प्रदेश स्थित एक शैक्षिक ट्रस्ट की मदद करने का आरोप है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक सीबीआई अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने इस मामले में चल रही जांच से संबंधित पूछताछ करते हुए बुधवार रात कुद्दुसी के साथ चार अन्य व्यक्तिों बी.पी. यादव, पलाश यादव, विश्वनाथ अग्रवाल और राम देव सारस्वत को गिरफ्तार किया।

जांच एजेंसी ने मंगलवार को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आपराधिक साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज किया और दिल्ली, लखनऊ और भुवनेश्वर में आठ जगहों पर छापेमारी की।

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कुद्दुसी के दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में स्थित आवास सहित अन्य ठिकानों पर मारे गए छापों में सीबीआई ने 1.91 करोड़ रुपये बरामद किए।

सीबीआई ने बिचौलिए बिश्वनाथ अग्रवाल के कब्जे से एक करोड़ रुपये बरामद किए, जिसे एक हवाला डीलर से यह पैसे मिले थे और बाकी के 91 लाख रुपये अन्य के पास से जब्त किया।

सूत्रों ने कहा कि अग्रवाल को हिरासत में ले लिया गया है और किसी भी समय उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।

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सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि बी.पी. यादव और पलाश यादव लखनऊ स्थित प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट चलाते थे, जो प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का संचालन करता है।

यह संस्थान उन 46 कॉलेजों में से एक है जिसे सरकार ने लचर सुविधाओं और आवश्यक मानदंडों की पूर्ति करने में असमर्थ रहने पर अगले दो सालों के लिए (2019 तक) मेडिकल छात्रों का दाखिला लेने से रोक दिया था।

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