मुजफ्फरपुर बालिका कांड में दो महिलाओं को सरकारी गवाह बनाएगी सीबीआई
मुजफ्फरपुर| मुजफ्फरपुर का बालिका गृह कांड की गुत्थियाँ अब सुलझने की कगार पर हैं क्यूंकि सीबीआई अब दो महिलाओं को इस मामले में सरकारी गवाह बनाकर कोर्ट में पेश कर सकती है। बच्चियों के साथ यौन शोषण और हत्या के इस सनसनीखेज मामले में जांच के साये में आये लोग सीबीआई के लिए सब से बड़े हथियार साबित होंगे। सूत्रों के मुताबिक तफ्तीश में लगी सीबीआई जांच टीम ने दो आरोपी महिलाओं को सरकारी गवाह बना सकती है। जो बालिका गृह में लड़कियों के साथ की गई शारीरिक, मानसिक व यौनशोषण के जुर्म का पोल खोल खोलेंगी।
इस वक्त इस मामले में जांच के तहत आधा दर्जन महिला आरोपी जेल में बंद हैं जिन से कड़ी पूछ-ताछ सीबीआई कर रही है। 31 मई को मुजफ्फरपुर के महिला थाने में यौनशोषण का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने मीनू देवी, मंजू देवी, इंदू कुमारी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा,चंदा देवी (गृह माता) समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था।
इन आरोपियों को निशानदेही पर कई और गिरफ्तारी संभव हो पाई थी । जघन्य अपराध की इस वारदात में अपराधियों को उनके कानून के हाथों कड़ी सजा दिलाने के लिए ठोस सबूत पेश करने होंगे। इसलिए इन्हीं में से दो महिलाओं को सीबीआई सरकारी गवाह बनाने की तैयारी में है। पुलिस ने इस मामले में ब्रजेश कुमार ठाकुर, विकास कुमार, सीपीओ रवि कुमार रौशन, गृह माता मीनू देवी, परामर्शी मंजू देवी, इंदू कुमारी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा, चंदा देवी (वार्डन) व दिलीप कुमार वर्मा आरोपी बताना है। इनमें से दिलीप वर्मा फरार है।
इस के साथ सीबीआई ने सबूत के तौर पर आरोपियों के कमरे के चादर और कई चीजें फोरंसिक लैब भेज दिया है। दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सीबीआई ने बिहार के पूर्व समाज कल्याण मंत्री दामोदर रावत से भी पूछताछ की है। जांच टीम ने उनसे पांच घंटे तक सवाल जवाब किए हैं और माना जा रहा है कि मंत्री रहते दामोदर ने बृजेश ठाकुर की काफी मदद की थी।