एनजीटी की चुनौती केजरीवाल के लिए बनी आफत, अब कैसे लागू करें Odd-Even

प्रदूषण की चपेट मेंनई दिल्ली। राजधानी प्रदूषण की चपेट में इस कदर आ चुकी है कि यहां रह रहे लोगों को आंखों में जलन होने के साथ साथ सांस तक लेने में परेशानी होने लगी है। प्रदूषण की इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए एक ओर जहां सरकार ऑड-ईवन फॉर्मूले समेत तमाम तरह के उपाय अपना रही है वहीं दूसरी ओर उसने यहां के निवासियों से भी सुबह और शाम के वक्त घर में रहने की अपील की है लेकिन इन सबके बावजूद भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ऑड-ईवन फॉर्मूले को राजधानी का प्रदूषण दूर करने का सबसे कारगर उपाय माना था लेकिन एनजीटी ने उन्हें झटका देते हुए कहा है कि संतुष्ट होने तक इसे लागू नहीं किया जाएगा। इस मामले पर एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि सीपीसीबी की रिपोर्ट के बाद भी ऑड-ईवन क्यों लाया जा रहा है।

गुजरात और हिमाचल चुनाव से पहले ही मोदी को मिली बड़ी जीत, 81% जनता ने दिया साथ

गौरतलब हो कि 21 अप्रैल 2016 को सीपीसीबी की रिपोर्ट में यह साफ कहा गया था कि उनके पास ऐसे कोई भी आंकड़ें नहीं हैं जिसके बूते यह कहा जा सके कि इस फॉर्मूले को लागू करने से राजधानी में प्रदूषण में कमी आई थी। वहीं एनजीटी का यह भी कहना है कि एक ओर जहां अब राजधानी में हालात सामान्य हो रहे हैं तो अब केजरीवाल सरकार ऑड-ईवन फॉर्मूले को लागू करने जा रही है। ऐसा करने से लोगों को असुविधा होगी।

GST बैठक : 177 चीजों पर दस फीसदी की कटौती, जानिए क्या-क्या हुआ सस्ता

राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को प्रदूषण रोकने के लिए 100 उपाय दिए थे लेकिन हर बार आप सरकार ने इस फॉर्मूले को ही चुना। एनजीटी ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कभी भी इस फॉर्मूले को लागू करने को नहीं कहा।

LIVE TV