CAA को लेकर उर्दू लेखक और व्यंग्यकार मुजतबा हुसैन ने जताया विरोध, वापस करेंगे अपना पद्म श्री सम्मान

CAA या नागरिकता संशोधन कानून का विरोध है कि शांत होने का नाम नहीं ले रहा. हाल ही में पद्म पुरस्कार से सम्मानित उर्दू लेखक और व्यंग्यकार मुजतबा हुसैन ने CAA का विरोध जताते हुये बड़ा एलान किया है. हुसैन का कहना है कि देश के हालात पहले ही बेहद खराब हैं, उसके बाद नागरिकता संशोधन कानून ने इसमें आग में घी का काम किया है.

 व्यंग्यकार मुजतबा हुसै

वापस करेंगे अपना पद्म श्री सम्मान-

आपको बता दें कि इन दिनों देश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध चरम पर है. हर दिन कहीं न कहीं से विरोध प्रदर्शन की ख़बरें आ रहीं हैं. ऐसे में कुछ लेखकों ने भी इसे लेकर विरोध जताना  शुरू कर दिया है. CAA और NRC पर विरोध जताते हुए उर्दू लेखक और व्यंग्यकार मुजतबा हुसैन ने कहा कि देश में मौजूदा हालात काफी खराब हैं, इसी के साथ उन्होंने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून लोकतंत्र पर हमला है. जिसके विरोध में वो अपना पद्म पुरस्कार सरकार को वापस करेंगे. बता दें कि उर्दू के व्यंगकार मुजतबा हुसैन को साल 2007 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.

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हुसैन ने कहा कि देश में नफरत और भय का जो माहौल व्याप्त है, वह वास्तव में परेशान करने वाली स्थिति है. ऐसे में जिस लोकतंत्र के लिए हमने इतना दर्द सहा है उसे बर्बाद किया जा रहा है. इस स्थिति का विरोध जताते हुए मैं अपने पद्म श्री पुरूस्कार को वापस करना चाहता हूँ.

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