उत्तराखंड के ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर शुक्रवार (23 मई 2025) को एक हादसा हो गया, जब यमुनोत्री जा रही यात्रियों से भरी बस की कंडीसौड़ छाम थाना क्षेत्र के अंतर्गत कंमाद के कोटीगाड के पास एक तेल टैंकर से भिड़ंत हो गई। गनीमत रही कि इस हादसे में बस में सवार सभी यात्री सुरक्षित रहे और किसी को गंभीर चोट नहीं आई। छाम कंडीसौड़ थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया।

जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड परिवहन निगम की बस (संख्या UK07 PA संभावित) यमुनोत्री धाम की तीर्थयात्रा पर जा रही थी, जबकि तेल का टैंकर उत्तरकाशी से हरिद्वार की ओर जा रहा था। कोटीगाड के पास एक मोड़ पर दोनों वाहन एक-दूसरे को पास देने के दौरान टकरा गए। प्रारंभिक जांच में तेज रफ्तार और संकरे रास्ते को हादसे का कारण माना जा रहा है। हादसे के बाद बस और टैंकर दोनों क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन बस में सवार यात्रियों को कोई चोट नहीं आई।
हादसे की सूचना मिलते ही छाम कंडीसौड़ थाना पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचे। पुलिस ने यात्रियों का हालचाल लिया और दोनों पक्षों (बस चालक और टैंकर चालक) के बीच हुए विवाद को सुलझाया। दोनों पक्षों में आपसी सहमति के बाद यात्रियों को दूसरी बस से यमुनोत्री के लिए रवाना किया गया।
छाम कंडीसौड़ थाना प्रभारी ने बताया कि हादसे में किसी यात्री को गंभीर चोट नहीं आई, और दोनों वाहनों को सड़क से हटाकर यातायात सुचारू किया गया। पुलिस ने दोनों चालकों के बयान दर्ज किए और हादसे की जांच शुरू कर दी है। अभी तक कोई औपचारिक FIR दर्ज नहीं की गई है, क्योंकि दोनों पक्षों ने आपसी समझौते से मामला सुलझा लिया।
ऋषिकेश से यमुनोत्री की दूरी लगभग 230 किलोमीटर है, और यह मार्ग चारधाम यात्रा का अहम हिस्सा है। इस रास्ते पर संकरे मोड़ और पहाड़ी इलाके हादसों का जोखिम बढ़ाते हैं। हाल के वर्षों में इस मार्ग पर कई हादसे हो चुके हैं। उदाहरण के लिए, 2022 में लक्ष्मण झूला के पास एक डबल डेकर बस के ब्रेक फेल होने से पलटने की घटना में एक महिला यात्री की मौत हो गई थी, और कई यात्री घायल हुए थे। इसी तरह, 2023 में ऋषिकेश-श्रीनगर हाईवे पर एक बस और डंपर की टक्कर में चार यात्री घायल हुए थे।
हाल ही में अल्मोड़ा में हुए बस हादसे (4 नवंबर 2024) में 36 लोगों की मौत ने उत्तराखंड में सड़क सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। इसके बाद से प्रशासन ने चारधाम यात्रा मार्गों पर गश्त और वाहन जांच बढ़ा दी है। ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत सिलक्यारा और जंगल चट्टी के बीच बन रही 4.5 किलोमीटर की डबल लेन सुरंग से भविष्य में ऋषिकेश-यमुनोत्री की दूरी 26 किलोमीटर कम होने की उम्मीद है, जिससे यात्रा सुरक्षित और तेज होगी।