देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना दूसरा बजट पेश करने जा रहीं हैं. इसमें रेलवे को घाटे से उबारने और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए, ट्रेनों की रफ़्तार बढाने के लिए देश भर में 7000 किमी और रेलवे विद्युतीकरण को लेकर घोषणा की जा सकती है.
ट्रेनों के विद्युतीकरण से जहाँ आयात किये जानने वाले कच्चे तेल का खर्च कम आएगा. वहीँ ट्रेनों की रफ़्तार बढ़ेगी.
जिसका यात्रयों को फायदा मिलेगा और खर्च भी कम आएगा. पिछले केंद्रीय बजट 2019-20 में रेलवे के लिए 1.6 लाख करोड़ पूंजीगत खर्च का ऐलान किया गया था.
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अभी भी रेलवे के पास हैं 6 हजार डीजल इंजन-
मौजूदा समय की बात करें तो रेलवे में करीब 6 हजार डीजल इंजन हैं, जबकि विद्युतीकरण वाले रेल इंजन 5500 हैं. रेलवे बिजली उत्पादन अपने स्तर पर होने के कारण खर्च कम हो रहा है, जबकि एक डीजल इंजन एक किमी में 5 लीटर डीजल की खपत करता है. इसी को ध्यान में रखते अब रेलवे का जोर विद्युतीकरण पर है.