
भोपाल| ब्लू व्हेल चैलेंज गेम देश के अन्य हिस्सों की तरह मध्यप्रदेश में भी किशोरों के लिए नई समस्या लेकर आया है, बच्चों के बीच इस गेम की बुराइयां बताने के लिए सरकारी विद्यालयों के हेडमास्टर (प्रधानाध्यापक) का सहारा लिया जाएगा। तमाम विद्यालयों के हेड मास्टर बच्चों को इस गेम की बुराइयां बताएंगे। आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को ब्लू व्हेल चैलेंज गेम से दूर रखने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखकर बच्चों को लगातार हिदायतें देने की सलाह दी हैं।
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पत्र में कहा गया है कि ब्लू व्हेल चैलेंज गेम अपराधी किस्म के लोगों द्वारा फैलाया हुआ एक जंजाल है। इसमें बच्चे उलझकर रह जाते हैं और इससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। कुछ प्रकरणों में बच्चों ने इस खेल में उलझकर आत्म-हत्या करने का प्रयास भी किया है।
प्रदेश में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में मोबाइल का उपयोग रेडिएशन प्रभाव और बाल मन पर विपरीत प्रभाव को देखते हुए प्रतिबंधित है, शिक्षकों से कहा गया है कि बच्चों को समझाने के नैतिक दायित्व का तत्परता से निर्वहन करें। साथ ही, यदि बच्चों के मोबाइल में इस गेम के लिंक होने की जानकारी मिले, तो उसे तत्काल हटवाएं।
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प्रधानाध्यापकों से कहा गया है कि पैरेंट्स मीटिंग के दौरान भी बच्चों के परिजनों को इस बुराई के संबंध में आगाह करें तथा बच्चों पर लगातार निगरानी रखने की सलाह दें। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश में 88 हजार 431 प्राथमिक और 54 हजार 775 माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं।