गुजरात चुनाव से मिला सबक कर्नाटक में आएगा भाजपा के काम!

गुजरात चुनाव से मिलानई दिल्ली। गुजरात चुनाव में उम्मीदों के विपरीत परिणाम आने के बाद से भारतीय जनता पार्टी ज्यादा बड़ी चुनावी बातों से परहेज कर रही है। भाजपा भी अब समझ चुकी है कि जुमलों से ज्यादा जनता से संपर्क साधना बेहतर है।

दरअसल, गुजरात में 150 प्लस का टारगेट रखने के बावजूद जीती गई सीटों का आंकड़ा 100 को भी छूने में नाकाम रहा था। यही वजह है कि अब बीजेपी कर्नाटक में फूंक-फूंककर कदम रख रही है।

पार्टी ने राज्य में गुजरात की तरह भारी भरकम जीत का टारगेट रखने की बजाय 224 में से 150 सीटों की जीत का टारगेट रखा है। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर किसी तरह का भ्रम न रहे इसलिए इस बार पार्टी बी.एस. येदियुरप्पा को विधानसभा का भी चुनाव लड़ाएगी।

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खबरों के मुताबिक, भाजपा का कहना है कि इस बार पार्टी ने कर्नाटक में 224 में से ही 150 का टारगेट रखा है। इसकी वजह यह है कि पार्टी को लग रहा है कि इस बार बिना वजह का ऐसा टारगेट न रखा जाए, जिसे हासिल करना ही मुश्किल हो।

इस बार भाजपा ने फैसला किया है कि पार्टी मौजूदा सांसद येदियुरप्पा को विधानसभा का भी चुनाव लड़ाएगी ताकि मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी तरह की शको शुबा न रहे।

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कर्नाटक में भी येदियुरप्पा के अलावा ईश्वरप्पा गुट भी है, जिसे फिलहाल पार्टी ने शांत करा दिया है लेकिन आखिरी समय पर किसी तरह का कोई विवाद न हो इसलिए पार्टी उम्मीदवारों को लेकर भी पहले ही अपनी स्टडी करा रही है ताकि चुनाव से पहले ही सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।

हिमाचल प्रदेश और गुजरात के नतीजों से लिया सबक

खबरों के मुताबिक, इस बार बीजेपी हिमाचल प्रदेश और गुजरात के नतीजों से सबक सीखा है। इसके तहत ही पार्टी अब कर्नाटक में अतिआत्मविश्वास दिखाने की कोशिश करने से बचना चाहती है। इसकी वजह यह भी है कि उसे लग रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस की हालत ऐसी नहीं है कि उसे बिलकुल हारा हुआ मान लिया जाए। हालांकि, पार्टी का आकलन यह है कि राज्य में कांग्रेस सरकार के खिलाफ नाराजगी है।

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