लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा को तगड़ा झटका, खो दिए पार्टी के दो ‘अनमोल रत्न’

नई दिल्ली। इन दिनों जहां लोकसभा चुनाव के समय से पूर्व होने की अटकलें लगाई जा रही हैं, वहीं सभी राजनीतिक पार्टियां भी साल 2019 में होने वाले चुनावों के लिए कमर कस रहे हैं। तैयारी जोरों पर है। राष्ट्रवादी कांग्रेस नेता शरद पवार सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास में क्रियाशील हैं। ताकि सत्तारूढ़ भाजपा को शिकस्त दी जा सके। इसी दौरान भाजपा के ही दो दिग्गज नेताओं के पार्टी को अलविदा कहने की खबर सामने आई है।

खबरों के मुताबिक़ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर एक नया राजनीतिक मोर्चा राष्ट्र मंच बना लिया है।

तेजस्वी से नाराज आरजेडी महासचिव ने दिया इस्तीफा, कार्यशैली पर उठाए सवाल

लोकसभा चुनाव

इस कार्यक्रम में उनके अलावा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता, आम आदमी पार्टी के नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन, सोमपाल शास्त्री, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, मोहम्मद अदीब, पवन वर्मा, जयंत चौधरी और बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी मौजूद थे।

यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह मंच विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करने के लिए खड़ा किया गया है।

उन्होंने कहा कि चाहे फिर नीतियां केंद्र सरकार की हों या राज्य सरकार की सभी खिलाफ इस मंच के माध्यम से आवाज बुलंद की जाएगी।

बता दें हाल ही में किसानों के मामले पर उन्होंने महाराष्ट्र के अकोला में आंदोलन किया और तभी खत्म किया जब मुख्यमंत्री ने उनकी सारी मांगे मान ली। बुधवार को ऐसा ही एक आंदोलन वे मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में शुरू करने जा रहे हैं।

सरकार पर शिवसेना का जोरदार हमला, कहा- किसान की चिता पर भाजपा की बर्बादी तय

सांसद शत्रुघ्न सिन्हा से पूछे जाने पर क्या वे सरकार की नीतियों से संतुष्ट नहीं हैं, उनका कहना था यदि उन्हें पार्टी पर बोलने का मौका दिया गया होता तो वे इस मंच पर क्यों आते।

उन्होंने नाराजगी जाहिर की कि संसद का बजट सत्र धीरे-धीरे घटाकर सिर्फ 5 दिनों का कर दिया गया है। इसी तरह 3 दिन तक चलने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी अब सिर्फ आधे दिन में ही खत्म हो जाती है।

उन्होंने कहा कि वहां उन्हीं लोगों को बोलने दिया जाता है जो वही बोलते हैं जो पार्टी नेतृत्व सुनना चाहता है।

यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह इस मंच को उसी दिन शुरू कर रहे हैं जिस दिन 70 वर्ष पहले महात्मा गांधी की हत्या हुई थी।

उन्होंने कहा कि उस समय की तरह ही आज भी लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाएं खतरे में हैं। मौजूदा सरकार ने किसानों को भिखारी बना दिया है और वह अपनी सुविधानुसार आंकड़े जुटा लेती है।

उन्होएँ साफ़ किया कि सरकार खाद्यान्न पर आयात शुल्क तब बढ़ाती है जब किसान अपनी फसल बाजार में औने-पौने दाम पर बेच चुका होता है।

देखें वीडियो :-

LIVE TV