BJP प्रवक्ता ने गाँधी को बताया “पाकिस्तान का राष्ट्रपिता”, चुनाव डर से पार्टी से किये गए बाहर !

मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रवक्ता अनिल सौमित्र को पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता बताया था.  सौमित्र ने फेसबुक पोस्ट में लिखा,

”राष्ट्रपिता थे, लेकिन पाकिस्तान राष्ट्र के. भारत राष्ट्र में तो उनके जैसे करोड़ों पुत्र हुए. कुछ लायक तो कुछ नालायक”.

इस पोस्ट के बाद बीजेपी ने सौमित्र को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया. बीजेपी प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने बताया कि-सौमित्र को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने पार्टी से निलंबित कर दिया है. सौमित्र को पार्टी से सस्पेंड किए जाने का कारण बताते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि,

 

”महात्मा गांधी के साथ देश के लोगों का भावनात्मक लगाव है. और इस तरह के बयान से 19 मई को होने वाले अंतिम चरण के मतदान में पार्टी को नुकसान हो सकता है”.

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अपने फेसबुक पोस्ट का सौमित्र ने बचाव किया. सौमित्र ने कहा कि

”भारतीय संस्कृति में राष्ट्रपिता की कोई अवधारणा नहीं है, हम सभी भारत माता की संताने हैं. राष्ट्रपिता शब्द कांग्रेस पार्टी द्वारा गढ़ा गया था जो आज तक जारी है”.

महात्मा गांधी पाकिस्तान के राष्ट्र के पिता थे, उनके शब्दों को सही ठहराने की कोशिश करते हुए सौमित्र ने कहा कि- महात्मा गांधी ने पाकिस्तान के निर्माण में जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना दोनों की मदद की.

सौमित्र ने यह भी कहा कि बीजेपी गांधी की सच्ची अनुयायी है. चाहे वह स्वच्छ्ता मिशन की बात हो या स्वदेशी अपनाने की. कांग्रेस ने कभी इन सब चीजों का पालन नहीं किया.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि-भाजपा नेताओं ने महात्मा गांधी का अपमान करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा. वे महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे की महिमा कर रहे हैं. कुछ समय पहले हिंदू महासभा ने ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने की कोशिश की थी.

इससे पहले भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथुराम गोडसे को देशभक्त बताया था. हालांकि अपने बयान के लिए उन्होंने बाद में माफी मांग ली थी. लेकिन इतना बवाल हुआ कि पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सफाई देनी पड़ी.

 

साध्वी प्रज्ञा के बयान पर पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि,

”गांधीजी या गोडसे के संदर्भ में जो भी बातें कही गई हैं. या इस प्रकार के जो भी बयान दिए गए हैं, ये भयंकर खराब है. हर प्रकार से घृणा के लायक है. आलोचना के लायक है. सभ्य समाज के अंदर इस तरह की भाषा नहीं चलती.

इस प्रकार की सोच नहीं चल सकती है. इसलिए ऐसा कहने वालों को 100 बार आगे सोचना पड़ेगा. दूसरा उन्होंने माफी मांग ली ये अलग बात है. लेकिन मैं अपने मन से माफ नहीं कर पाऊंगा. मन से माफ नहीं कर पाऊंगा”.

यह विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि साध्वी के समर्थन में दिए गए बीजेपी के कुछ नेताओं के बयान के बाद अमित शाह ने कहा था कि- बीजेपी ने उनके बयानों को गंभीरता से लिया है और इन बयानों को डिसिप्लिनरी कमिटी को भेज दिया है. डिसिप्लिनरी कमिटी तीनों नेताओं से सफाई मांगेगी और 10 दिनों के भीतर पार्टी को रिपोर्ट सौंपेगी.

 

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