उत्तराखंड। लेखन की कला ऐसी है जो हर किसी को नहीं आ सकती. शब्दों को अपनी भावनाओं के साथ और अपनी सोच के साथ पिरोना आसान नहीं. वो जो हर कोई समझ जाए और वो जो किसी को न समझ आए, ऐसे लेखन हर कहीं नहीं मिलते. हमारे देश में साहित्य का और कहानियों का बहुत महत्व है. एक अच्छे लेखक की पहचान उसके अवॉर्ड से नहीं उसके लेखन से होती है. आज हम बात कर रहे हैं मशहूर लेखक पद्मश्री पद्म भूषण रस्किन बॉन्ड की जो आज अपना 86वां जन्मदिन मना रहे हैं. वह मसूरी में रहते हैं. आज उन्होंने परिवार के साथ जन्मदिन मनाने की तैयारियों की एक फोटो शेयर की जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही.
उनके प्रशंसकों द्वारा सोशल मीडिया के जरिए जन्मदिन की बधाई देेने का सिलसिला सोमवार देर रात से ही शुरू हो गया था जो मंगलवार को भी जारी है।
इनका जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। वे अब्रे बॉन्ड और एरिथ क्लार्के के पुत्र हैं। बचपन में ही इनके पिता की मृत्यु हो गई थी, तत्पश्चात इनकी परवरिश शिमला, जामनगर, मसूरी, देहरादून तथा लंदन में हुई। आज-कल वे अपने परिवार के साथ मसूरी में रहते हैं।
1999 में भारत सरकार ने उन्हें साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। 2014 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। अवर ट्रीज़ स्टिल ग्रो इन देहरा के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया है।
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अपने प्रशंसकों का धन्यवाद किया
रस्किन बॉन्ड ने अपने 86वें जन्मदिन के मौके पर अपने प्रशंसकों का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि जो प्यार उनको लगातार मिल रहा है। उसे वह बहुत खुश हैं। लॉकडाउन को लेकर वह अपने प्रशंसकों के बीच में आकर अपना जन्मदिन नहीं मना पा रहे हैं, जिसको लेकर उनको दुख है।
उन्होंने कहा कि वह लगातार अपने प्रशंसकों के लिए किताबें लिख रहे हैं और उनके जन्मदिन पर भी वहां एक किताब दे रहे हैं। उन्होंने सभी प्रशंसकों से अपने बड़े बुजुर्गों के साथ बहन-भाइयों का सम्मान करने का आग्रह किया। कहा कि सब लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में अपने घर पर रहें और सरकार और प्रशासन द्वारा किए जा रहे निर्देशों का पालन करें।