…तो ऐसे हुआ था हमारे सौर मंडल का जन्म

सौर मंडल का जन्मवाशिंगटन। आज के समय में हम इंसानों ने पृथ्वी से लेकर हजारों किलोमीटर टिमटिमाते हुए तारों तक सभी के बारे में जानकारी जमा कर रखी है। हालांकि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस होने के बावजूद दुनियाभर के वैज्ञानिक आजतक इस बारे में पता नहीं लगा पा रहे थे कि आखिर हमारे सौर मंडल का जन्म कैसे हुआ? लेकिन एक नए अध्ययन में इस बात का जवाब मिल गया है।

अध्ययन में पता चला है कि एक विशालकाय लंबे समय से मृत तारे के आसपास हवा के बुलबुले बनने से हमारा सौर मंडल बना। अध्ययन के मुताबिक सौरमंडल का जन्म वॉल्फ रायेट स्टार नाम के एक विशालकाय तारे से शुरु होता है, जोकि सूर्य के आकार से 40 से 50 गुना अधिक बड़ा है।

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जैसे ही वॉल्फ रायेट तारे का आकार फैलता है तो इसके चारों ओर से गुजरने वाली तारकीय हवा एक गहरे खोल के साथ बुलबुले बनाती है।

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बता दें कि एस्ट्रोफिजिकल पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार ऐसी तारकीय नर्सरियों में सूरज के जैसे एक से 16 फीसदी तारे बन सकते हैं। अंतरिक्ष की बाहरी कक्षा में धूल और गैस के बादल को तारकीय नर्सरी कहते हैं जहां धूल और गैस के संपर्क में आने से तारे बनते हैं।

गौरतलब है कि ऐसे माना जा रहा है कि इस अध्यन ने सैकड़ों साल पुराने इस प्रश्न के उत्तर के आसपास इंसान को पहुंचा दिया है।

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